रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पायलट आधार पर ‘ऑफलाइन’ यानी बिना इंटरनेट के कार्ड और मोबाइल के जरिये छोटी राशि के भुगतान की अनुमति दी है। इसके तहत एक बार में 200 रुपये तक भुगतान किया जा सकता है। इससे उन जगहों के ग्राहकों के लिए सुविधा होगी जहां इंटरनेट से संपर्क की कनेक्टिविटी कम है। यानी इस तरह से भुगतान के लिए इंटरनेट से सम्पर्क की जरूरत नहीं होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की। इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के अनुसार पायलट योजना के अंतर्गत ‘पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर’ (पीएसओ)…बैंक और गैर-बैंक…ऑफलाइन डिजिटल भुगतान की पेशकश कर सकते हैं।
केंद्रीय बैंक की अधिसूचना के अनुसार पायलट योजना के तहत भुगतान कार्ड, वॉलेट या मोबाइल उपकरणों या अन्य किसी माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिये किसी अन्य प्रकार के सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। इसमें एकल भुगतान की अधिकतम सीमा 200 रुपये होगा। हालांकि इसके जरिये किसी भी समय 2,000 रुपये तक कुल भुगतान की सीमा होगी। यह योजना 31 मार्च 2021 तक चलेगी।
ऑफलाइन पेमेंट कैसे करता है काम
- पेमेंट कार्ड, वॉलेट या मोबाइल उपकरणों या किसी अन्य चैनल के माध्यम से किया जा सकता है।
- भुगतान रिमोट या प्रोक्सिमिटी मोड में किया जा सकता है।
- भुगतान लेनदेन किसी भी अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण (AFA) के बिना की जा सकती है।
- भुगतान लेनदेन की ऊपरी सीमा 200 रुपये होगी।
- किसी भी समय किसी उपकरण पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये होगी।
- AFA के साथ ऑनलाइन मोड में सीमा को रीसेट करने की अनुमति दी जाएगी।
- लेनदेन डिटेल प्राप्त होते ही PSO यूजर्स को रियल टाइम पर लेनदेन अलर्ट भेजेगा।
- संपर्क रहित भुगतान EMV मानकों का पालन करेगा।
- AFA के बिना ऑफलाइन मोड में भुगतान लेनदेन यूजर्स की पसंद पर होगा।
आरबीआई ने कहा कि खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट का अभाव या उसकी कम गति डिजिटल भुगतान के रास्ते में बड़ी बाधा है। इसको देखते हुए कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफलाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।