सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में विधि-विधान से खुले भगवान केदारनाथ के कपाट, प्रथम रुद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से किया गया

MY BHARAT TIMES, RUDRAPRAYAG. सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में विधि-विधान से भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए हैं। शीतकाल के छह महीनों तक पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विश्राम करने के बाद अब भगवान आने वाले छह महीनों तक यही पर विराजमान रहेंगे। भगवान केदारनाथ के कपाट बुधवार को तय समय पर पूरे विधि विधान के साथ खोल दिए गए गए हैं, अब आने वाले छह महीने तक यहीं पर भगवान की पूजा होगी और भक्त को भोले बाबा दर्शन देंगे। सुबह सर्वप्रथम मंदिर के सीलबंद मुख्य कपाट को खोला गया। इसके बाद गर्भगृह में पूजा अर्चना की गई। मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने मंदिर के अंदर कपाट खुलने पर संपन्न होने वाली पूजाएं व सभी औपचारिकताएं पूरी की। भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से प्रथम पूजा की गई। कपाट खुलने के मौके पर कोई भी भक्त मौजूद नहीं था। मुख्य पुजारी समेत देवस्थानम बोर्ड के कुछ सदस्य ही मौजूद थे।

बता दें कि बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 26 अप्रैल को पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुंड के लिए रवाना हुई और 27 अप्रैल को केदारनाथ पहुंच गई। हालांकि, डोली को पैदल मार्ग पर भीमबली में अपना दूसरा पड़ाव डालना था, लेकिन वहां पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने के कारण प्रशासन ने डोली को सीधे केदारनाथ पहुंचाने का निर्णय लिया। मंगलवार को केदारनाथ में मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने पंचमुखी भोग मूर्ति की पूजा-अर्चना की। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि मंदिर को सजाने के लिए ऋषिकेश निवासी सतीश कालड़ा ने गेंदा के सात क्विंटल फूल उपलब्ध कराए हैं। बीते वर्षों में दस क्विंटल से अधिक फूलों से मंदिर को सजाया जाता रहा है। भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी के साथ खोले गए। कपाट खोलते समय शरीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। कपाट खोलते हुए पुजारियों ने पूजा करते हुए अपने गम्छे से मास्क बनाकर अपना मुँह और नाक को ढक कर पूजा की, मंदिर में किसी भी भक्त के नाम से पूजा नहीं होगी। केवल मुख्य पुजारी द्वारा नित संपन्न होने वाली पूजाएं संपन्न की जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *