राज्य ब्यूरो, देहरादून: विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किए गए तदर्थ कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। उनकी विशेष अनुग्रह याचिका (एसएलपी) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
बाद में वर्ष 2021 में नियुक्त जिन तदर्थ कर्मियों को हटाया गया था, उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई। एसएलपी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसमें विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अमित तिवारी व अर्जुन गर्ग ने पैरवी की।
आयोग के माध्यम से होंगी भर्तियां
विधानसभा सचिवालय में भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में पारदर्शिता हो, इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सेवा नियमावली में संशोधन के लिए पहल की है।
इसके तहत ये प्रस्ताव किया गया कि विधानसभा में सीधी भर्ती के सभी खाली पदों को उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरा जाए। शासन ने सेवा नियमावली पर सहमति जताते हुए कुछ संशोधन के साथ यह प्रस्ताव विधानसभा को भेज दिया।
संशोधित नियमावली में विधायी को फिर से विधानसभा का प्रशासकीय विभाग बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अब यह प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। कैबिनेट इस संबंध में निर्णय लेगी।