उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में फिर से पहले की तरह ही जुलाई से आरम्भ होगा नया शिक्षा सत्र

MY BHARAT TIMES, उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में फिर से पहले की तरह ही जुलाई से आरम्भ होगा नया शिक्षा सत्र । पहले माना जा रहा था कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खत्म हो सकता है। कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। वहीं कोरोना संक्रमण से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए 15 मई तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला सरकार ले चुकी है। ऐसे में सरकारी स्कूलों के लिए पुराने तर्ज पर चालू शैक्षिक सत्र के स्थान पर आगामी एक जुलाई से नया सत्र शुरू किया जा सकता है। इससे गर्मियों की छुट्टियों में भी सरकारी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पहले भी एक जुलाई से शैक्षिक सत्र होता रहा है। ऐसे में गर्मियों की छुट्टियों में पढ़ाई शुरू करने के स्थान पर पुराने तर्ज पर ही शैक्षिक सत्र पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में कोर विषयों पर ही होंगी बची हुई परीक्षायें

कोरोना महामारी से बचाव को बीती 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की शेष परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं थीं। प्रदेश में हाईस्कूल और इंटर की शेष रह गईं बोर्ड परीक्षाओं में अब सिर्फ कोर विषयों की परीक्षा होगी, शेष विषयों की परीक्षाएं नहीं होंगी। वहीं 9वीं और 11वीं कक्षाओं के लिए गृह परीक्षाएं नहीं होंगी। इन कक्षाओं में विद्यार्थियों को पहले हो चुकी आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर अगली कक्षाओं में पदोन्नत किया जाएगा। पदोन्नत होने से वंचित रहने वालों को भी पास होने का एक मौका दिया जाएगा। सीबीएसई की तर्ज पर यह व्यवस्था उत्तराखंड में भी लागू होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सोमवार को इस संबंध में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को कार्यवाही के निर्देश दिए। इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश जारी होगा। उत्तराखंड सरकार अब सीबीएसई की तर्ज पर राज्य में व्यवस्था लागू करने जा रही है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश मिल चुके हैं। शासनादेश मंगलवार को जारी होगा। उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की गणित व इंटर की जीवविज्ञान जैसे कोर विषय की परीक्षा होंगी। शेष विषयों की परीक्षा नहीं होगी।
उधर, सीबीएसई बोर्ड ने 9वीं और 11वीं कक्षाओं में वार्षिक परीक्षा नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में क्रमश: 10वीं व 12वीं में पदोन्नत करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार इस व्यवस्था को लागू करेगी। कक्षा एक से आठवीं में बच्चों को पदोन्नत किया जाएगा। वहीं 9वीं व 10वीं में अर्द्धवार्षिक व आंतरिक कक्षाओं के अंकों के आधार पर छात्रों को अगली कक्षाओं में पदोन्नत किया जाएगा। इन अंकों के आधार पर पदोन्नत नहीं हो पाने वाले छात्रों को पास होने का एक मौका लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने के बाद दिया जाएगा।

 

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