उत्तराखंड के डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को सतर्क रहते हुए सभी लोगों को ध्यानपूर्वक सुनकर उनकी कानून के दायरे में, मैरिट के आधार पर यथासंभव मदद करने का दिया संदेश

MY BHARAT TIMES, DEHRADUN, साथी पुलिसकर्मी कृपया ध्यान दें..
कभी कभी कुछ लोग आपके सामने कह सकते हैं कि- डीजीपी तो हमारे भाई हैं, डीजीपी से तो हमारे बेहद घरेलू रिश्ते हैं, डीजीपी के यहाँ हमारा आना जाना है, उनके यहाँ रोज़ का उठना बैठना है, डी जी पी हमारे गाँव के हैं आदि आदि… साथियों, जब भी कोई इस तरह की बातें करे तो कृपया सतर्क हो जाएँ। सामान्यतः ऐसा कहने वाला शख़्स आपको अपने प्रभाव में लेना चाह रहा है और हो सकता है कि वह आपसे अनुचित लाभ लेने / अवैध काम कराने का भी प्रयास कर रहा हो। अत: आप से अनुरोध है कि कृपया ऐसे लोगों के जाल में बिल्कुल ना फँसें, शालीनतापूर्वक बात करते हुए बता दें कि किसी भी हाल में गलत काम नहीं होगा। साथियों, मैं आपको बड़े ही सरल शब्दों में यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि प्रदेश में न तो कोई मेरा भाई है, न कोई मेरा विशेष रूप से ख़ास है, और न ही यहाँ कोई मेरा रिश्तेदार है। मेरे सबसे नजदीक मेरे पुलिस वाले ही हैं। इसलिए कोई ऐसा बोले तो बोलिये कि ठीक है, हमारे डी जी पी हमारे भी हैं । इसलिए उनके दबाव में न आयें और वही करें जो सही है, गलत बिल्कुल भी ना करें। सही आदमी और पीड़ित से शालीनतापूर्वक व्यवहार करना और उसको न्याय दिलाना आपका कर्तव्य है, जो आप निष्पक्ष रूप से मामले के गुण दोष के आधार पर जरूर करें । इतना ज़रूर है कि यहाँ के सभी सम्भ्रांत जनों को मेरी नीयत और मेरी कार्य प्रणाली पर पूरा भरोसा है, जिसके कारण वे लोग जनहित में मुझे ज़रूरी सूचनायें देते रहते हैं, जिन पर मैं पूरी निष्ठा से काम भी करता हूँ।
मेरा आप से अनुरोध है कि सभी लोगों को ध्यानपूर्वक सुनें और उनकी कानून के दायरे में, मैरिट के आधार पर यथासंभव मदद करें.. जय हिन्द !!

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