परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने अधिकारियों के साथ की बैठक, इस बात पर जताई नाराजगी

MY BHARAT TIMES, देहरादून। शासन एवं रोडवेज प्रबंधन ने वेतन आधा करने का फैसला बीती पांच जुलाई को कर लिया था, मगर इसकी मंजूरी के लिए फाइल परिवहन मंत्री यशपाल आर्य को मंगलवार रात करीब दस बजे भेजी। यानी, कैबिनेट बैठक से 13 घंटे पहले। इस पर परिवहन मंत्री भड़क गए और आपत्ति लगाकर फाइल लौटा दी। जब कैबिनेट बैठक में यह मामला लाया गया तो परिवहन मंत्री ने वित्त सचिव को खरी-खरी सुना दी। उन्होंने कहा कि फैसला करने का काम सरकार का है और वेतन कटौती कोई हल नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई। जिसके बाद अधिकारियों के सुर बदल गए।

रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर बुधवार सुबह से तेजी से घटनाक्रम बदलते रहे। पहले कैबिनेट बैठक में इस मामले पर परिवहन मंत्री व वित्त सचिव के बीच छिड़े विवाद और मुख्यमंत्री के हाथ में कमान के आते ही अधिकारियों को बैकफुट पर आना पड़ा। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कैबिनेट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि अफसर ऐसे फैसले कैसे कर सकते हैं, फैसले करने का काम सरकार का है। शाम तक रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद हड़ताल के फैसले पर अडिग थी, लेकिन देर शाम जब सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा द्वारा सचिवालय में इस संबंध में वार्ता बुलाई गई, तभी ये माना जा रहा था कि हड़ताल टल जाएगी। बैठक में सचिव परिवहन ने बताया कि सरकार ने वेतन कटौती न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही रोडवेज को 151 करोड़ की मदद के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। सहकारी बचत ऋण खाते से रोक हटाकर उसे आनलाइन करने का निर्णय भी लिया गया है और आनलाइन प्रक्रिया शुरू होने तक पूर्व स्थिति बहाल कर दी गई है। रोडवेज कार्यशालाओं के आधुनिकीकरण व देहरादून कार्यशाला को ट्रांसपोर्टनगर जल्द शिफ्ट करने का भी फैसला किया गया। बैठक में रोडवेज प्रबंध निदेशक अभिषेक रूहेला, संयुक्त परिषद की ओर से प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत व विपिन बिजल्वाण समेत प्रेम सिंह रावत मौजूद रहे।

परिवहन मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि कर्मचारियों की समस्या को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। निश्चित ही कोरोना काल में रोडवेज को क्षति हुई है पर वेतन कटौती इसका समाधान नहीं। सरकार हर समाधान निकाल रही, इसलिए हड़ताल व चक्का-जाम जैसे कदम कर्मचारियों को नहीं उठाने चाहिए। वेतन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

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