टिड्डी दल का आतंक देश में कई शहरों में टिड्डियों के कारण फसल को हुवा नुकसान, झाँसी और यूपी में अलर्ट

MY BHARAT TIMES. पिछले कुछ समय से भारत के कई शहरों में टिड्डियों ने आतंक फैला रखा है। कई शहरों में फसलों को भी नुकसान पहुँचाया है। इन दिनों टिड्डियों का दाल झाँसी के आस-पास दिखाई दिया है, जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के किसानों सतर्क कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने बचाव के लिए अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की हैं। राजस्थान, गुजरात के बाद अब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भी टिड्डी दलों के हमले शुरू हो चुके हैं। झुंड के रूप में लाखों-करोड़ों की संख्या में टिड्डियां पेड़-पौधों और फसलों को चट कर जा रही हैं।पिछले काफी समय से भारत पाकिस्तान से आई एक नई तरह की मुसीबत का सामना कर रहा है। पाकिस्तान से आए 4 इंच के छोटे से जीवों से पूरे भारत के कृषि क्षेत्रों में तहलका मचा हुवा है। इस छोटे से जीव अर्थात टिड्डियों ने पहले राजस्थान में हमला बोला और अब वे मध्य प्रदेश में घुस चुके हैं। पन्ना, आगर, नीमच जैसे मध्य प्रदेश के इलाकों में अब जगह-जगह झुंड के रूप में लाखों टिड्डियों के दल हमला बोल रहे हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में भी इनकी दस्तक हो चुकी है। टिड्डी दलों के सबसे ज्यादा हमले अफ्रीकी देशों में होते हैं। केन्या, युगांडा, दक्षिणी सूडान, इथियोपिया, सोमालिया, सूडान में इनका बहुत ज्यादा कहर है। यमन में भी ये टिड्डियां बड़ी मुसीबत बन चुकी हैं।

माना जाता है कि पाकिस्तान में अफ्रीका से ही टिड्डियों के दल पहुंचे और भारत में भी घुस गए। यह छोटा सा दिखने वाला जीव वीएस तो अकेले अपना जीवन-यापन करता है, लेकिन जब इन जीवों को खाने के लिए इनके क्षेत्र में हरे पत्तियों वाला कुछ भी खाने को नहीं मिलता है सब मिलकर झुण्ड के साथ फसलों पर हमला कर देती हैं। अब जब भारत में यह टिड्डियाँ आ गई है तो इनसे यहाँ के किसानो भी बहुत नुकसान हो रहा है। यह टिड्डियों का झुण्ड जिस भी क्षेत्र में जाता है वह की फसल को चट कर जा रहा है। आज आशंका जताई जा रही है की इन टिड्डियों का हमला झाँसी की ओर हो सकता है। प्रदेश में फसलों पर टिड्डी दल के हमले की आशंका को देखते हुए विभिन्न जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने बचाव के लिए अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की हैं। जानकारी के अनुसार झाँसी में रविवार को टिड्डियों का दाल देखा गया था, जो लगभग तीन किलोमीटर का बताया जा रहा है। इस दाल का यहाँ पर विभाजन हो गया और यह दल कई टुकड़ों में बंट गया। वहां के शासन-प्रशासन द्वारा रासायनिक दवाइयों का छिड़काव भी किया जा रहा है। रासायनिक दवाइयों के छिड़काव से कुछ हद तक ये टिड्डियाँ मर जा रही हैं लेकिन बाकि बची हुयी टिड्डियाँ आगे बढ़कर दूसरे शहरों की ओर रूख कर जा रही है और फिर वहां की फसल को भी नष्ट कर दे रहे हैं। बुंदेलखंड के साथ ही कानपुर देहात, इटावा और कन्नौज के किसानों को भी अलर्ट किया गया है।

टिड्डी दल से बचाव के लिए ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है। टिड्डियों के आने पर उन्हें जगह-जगह एकत्रित होकर ढोल, थाली आदि बजाने के लिए कहा गया है, ताकि टिड्डियां फसलों पर न उतरने पाएं। दवाइयों के छिड़काव के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। टिड्डियों के आतंक को देखते हुए प्रयागराज में भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात कर दी गयी हैं और छिड़काव के लिए दवाइयां भी मंगवाई गयी हैं। वही उत्तर प्रदेश में भी टिड्डियों के आतंक को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट है और ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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