इंद्रा नेवी एक्सरसाइज के 11वें एडीशन के तहत भारतीय और रूसी नौसेना बंगाल की खाड़ी में 4 और 5 सितंबर को निर्धारित समुद्री जलअभ्यास में शामिल होंगे। 2003 में नौसेना का यह संयुक्त अभ्यास शुरू किया गया था। इंद्रा नेवी दोनों देशो के नौसेना के बीच दीर्घकालिक संबंध का प्रतीक है। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिनों के रूस दौरे पर हैं। वह शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए रूस की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं।
2003 में हुई थी इसकी शुरुआत
बंगाल की खाड़ी में हंबनटोटा से मलक्का स्ट्रेट्स तक रूसी नौसेना के जहाजों के गुजरने के दौरान दोनों देशों की नौसेना (INDRA NAVY 2020) 4-5 सितंबर 2020 को पासेक्स (PASSEX) के रूप में अभ्यास करेंगी, पासेक्स यानी पासिंग एक्सरसाइज इंद्रा युद्धाभ्यास वर्ष 2003 से भारत और रूस की सेनाओं के बीच होता आ रहा है। 2017 के बाद से दो वर्षों में एक बार संयुक्त रूप से तीनों सेना का अभ्यास इंद्र (INDRA) आयोजित किया जा रहा है। दोनों देशों की नौसेना (INDRA NAVY 2020) पहले व्लादिवोस्तोक (रूस) में अभ्यास करने वाली थीं लेकिन कोविड-19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।
दोनों देशों के रक्षा मंत्री की मुलाकात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष जनरल सेर्गेई शोइगू से गुरुवार को मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा हुई। भारत के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्रालय में रूसी रक्षा मंत्री जनरल सेर्गेई शोइगू के साथ एक घंटे की बैठक की। बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर किया गया।’
रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा है कि इस अहम बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले नेवी एक्सरसाइज इंद्रा (Indra) पर भी चर्चा हुई। भारत और रूस द्वारा आयोजित किया जाने वाला इंद्रा नौसेना अभ्यास अगले 2 दिनों तक मलक्का जलडमरूमध्य में आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि इन युद्धाभ्यासों ने हिंद महासागर क्षेत्र में रक्षा सुरक्षा में दोनों देशों के साझा हितों का प्रदर्शन किया है।
‘Kavkaz 2020’ के लिए भारत ने किया इनकार
उल्लेखनीय है कि भारत ने 15 सितंबर से 27 सितंबर तक रूस में होने वाली ‘Kavkaz 2020’ के लिए इनकार कर दिया है। इसके पीछे कोविड-19 महामारी को कारण बताया है। हालांकि भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास में चीन भी हिस्सा ले रहा है और सीमा पर तनाव के बाद भारत नहीं चाहता कि एलएसी में तनाव के बीच भारत के सैनिक चीन के साथ अभ्यास करे। इसके लिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के देशों के अलावा ईरान, तुर्की समेत करीब 18 देशों को शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है।