MY BHARAT TIMES, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज, 18 अगस्त 2021 को एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में सम्मिलित होने की छूट दे दी है। शीर्ष अदालत ने एनडीए परीक्षा को लेकर अपने आदेश में कहा कि सेना का ‘पॉलिसी डिसिजन’ लैंगिक समानता के लिहाज से भेदभावपूर्ण है। बता दें कि एनडीए परीक्षा का आयोजन 14 नवंबर 2021 को किया जाना है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाने वाली एनडीए परीक्षा के वर्ष 2021 के सेकेंड एडिशन के लिए अधिसूचना 9 जून 2021 को जारी की गयी थी। अधिसूचना के अनुसार, एनडीए 2 परीक्षा के माध्यम से 400 रिक्तियों के लिए भारतीय नागरिक अविवाहित पुरुष उम्मीदवारों से 29 जून आवेदन आमंत्रित किये गये थे। इसके बाद परीक्षा 5 सितंबर को आयोजित की जानी थी, लेकिन आयोग ने संशोधित कार्यक्रम में परीक्षा तारीख बदल दी थी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ह्रषिकेश रॉय की खण्डपीठ ने एनडीए प्रवेश परीक्षा में महिलाओं के सम्मिलित होने के लिए अनुमति की मांग वाली एक रिट याचिका पर यह अंतरिम आदेश जारी किया है। यह रिट याचिका कुश कालरा ने द्वारा दायर की गयी थी। इस याचिका में कहा गया है कि पात्र महिला उम्मीदवारों को एनडीए में शामिल होने के अवसर से वंचित करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 के उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि योग्य महिला उम्मीदवारों को उनके जेंडर के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने के अवसर से वंचित कर दिया गया है, जो बाद में महिला अधिकारियों के लिए कैरियर में उन्नति के अवसरों में बाधा बन जाती है।
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली एनडीए परीक्षा में मैथमेटिक्स एवं जनरल एबिलिटी टेस्ट से सम्बन्धित दो पेपर होते हैं। दोनो पेपर 2 घंटे और 30 मिनट के होते हैं। मैथ पेपर के लिए 300 अंक और जनरल एबिलिटी टेस्ट के लिए 600 अंक निर्धारित होते हैं। एनडीए परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर सफल घोषित उम्मीदावरों को अगले चरण में सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा आयोजित किये जाने वाले इंटेलीजेंस एण्ड पर्सनॉलिटी टेस्ट से गुजरना होता है।