MY BHARAT TIMES, DEHRADUN. आज राजधानी देहरादून सहित उत्तराखंड के कई इलाकों में ईद का त्यौहार मनाया गया। ईद-उल-फितर का त्यौहार सादगी के साथ मनाया जा रहा है। लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में कुछ लोगों ने ही नमाज अदा की। ज्यादातर लोगों ने घरों में रहकर ही नमाज अदा की। इस दौरान शारिरिक दूरी के मानकों का भी खास ख्याल रखा गया। वहीं, ईद पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी को ईद-उल-फितर की बधाई दी।
इस दौरान लोगों ने गले लगने की बजाय दिल पर हाथ रखकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। माहे रमजान के आखिरी रोजे की शाम को ईद का चांद दिख गया। देहरादून में भी चांद दिखने के बाद ईद का उल्लास नजर आया। लोगों ने एक-दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी। जमीयत उलेमा ए हिंद देहरादून के जिलाध्यक्ष मुफ्ती रहीस अहमद ने अपील की कि कोरोना महामारी के बीच इस साल निश्चित तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है लेकिन गले मिलने के बजाय दिल पर हाथ रखकर आप भी ईद मुबारक कह सकते हैं।
उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में ईद-उल-फितर का त्योहार सादगी के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में कुछ ही लोगों ने नमाज अदा की। ज्यादातर लोगों ने अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा की। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी,हल्द्वानी,अल्मोड़ा समेत अन्य जिलों में भी लोगों ने उलेमाओं की अपील के तहत शारीरिक दूरी का पालन कर ईद मनाई । देहरादून में सुबह से ही सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूजे को ईद की मुबारकबाद दी जा रही है। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, नायब शहर काजी सुन्नी सैयद अशरफ हुसैन कादरी, मुफ्ती रईस अहमद कासमी, मौलाना शाहनजर ने अमन चैन की दुआ मांग नमाज अदा करवाई।
नैनीताल में ईद उल फितर पर जामा मस्जिद मल्लीताल में सोशल डिस्टेंस के साथ नमाज अदा कर मुल्क में अमन और शांति के साथ कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ की गई। अधिकांश मुस्लिम समुदाय ने घरों में ही ईद की नमाज अदा की। महामारी की वजह सर पहली बार ईद पर लोग एक दूसरे से गले नहीं मिल सके। ईद-उल-फितर के इस त्यौहार में जहाँ हर साल मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह जल्दी उठकर नये-नये कपडे पहनकर एक-दूसरे को गले मिलकर बधाईयाँ देते थे, वहीँ इस बार सबने अपने घरों में ही नमाज अदा कर एक-दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी।