संवेदनशील नेतृत्व : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद संभाली कमान, तंत्र को किया सक्रिय, ग्राउंड जीरो पर ले रहे राहत-बचाव कार्यों का जायजा

  • बीते 48 घंटों में उत्तरकाशी व पौड़ी में हो चुके दो बड़े हादसे
  • सीएम ने खुद संभाली कमान, पल-पल के घटनाक्रम पर पैनी नजर

MY BHARAT TIMES, 05 अक्टूबर 2022, देहरादून। बीते 48 घंटों में उत्तराखंड को दो बड़े हादसों का सामना करना पड़ा है। पहला हादसा उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन के रूप में सामने आया तो दूसरा हादसा मंगलवार शाम पौड़ी जिले में बस दुर्घटना के रूप में। इन दोनों ही हादसों के बाद सिस्टम ने जो तेजी और तत्परता दिखाई उससे निःसंदेह कई जानों को बचाने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इन हादसों को लेकर अपडेट ले रहे हैं और फिर बात आपदा कंट्रोल रूम से जरूरी निर्देश देने कि हो या ग्राउंड जीरो की। सीएम लगातार इन हादसों को लेकर सक्रिय हैं।

उत्तरकाशी के द्रोपदी पर्वत में हुए हिमस्खलन में निम के कई प्रशिक्षार्थी इसकी चपेट में आ गए। अब तक 22 लोगों को बचाये जाने की सूचना है जबकि बाकियों की तलाशा जारी है। 10 डेड बॉडी रिकवर की गई है। इस हादसे की सूचना मिलते ही सीएम ने मामले में केंद्र से वार्ता की जिसके बाद एयरफोर्स ने भी रिलीफ ऑप्रेशन में मदद की। आज सीएम खुद ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और उन्होंने यहां घायलों का हाल जाना।

वहीं, बीती देर शाम जैसे ही सीएम को पौड़ी के सिमडी में बरात की बस के खाई में गिरने की सूचना मिली तो वे बिना देर किए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ कार्यक्रम को छोड़कर सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुँचे और न केवल हादसे का पल-पल अपडेट लेते रहे बल्कि पूरे सिस्टम को सक्रिय करते हुए निर्देश जारी किए। उन्होंने अगले दिन के सारे सरकारी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए। इसी का नतीजा रहा कि समय से मौके पर पहुँची पुलिस, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन की टीमो ने घने अंधेरे में ही राहत बचाव कार्य शुरू किया। आज सुबह भी पौ-फटते ही टीमें पुनः राहत कार्य मे जुट गई।

इस बीच मुख्यमंत्री आज पौड़ी में पहले घटनास्थल और फिर कोटद्वार बेस अस्पताल पहुँचे और घायलों का हालचाल जाना। साथ ही साथ राहत राशि भी घोषित की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सिमडी जहां हादसा हुआ था वहां ग्रामीणों से भेंट की और रात में उनके द्वारा किये गए रेस्क्यू कार्य के लिए आभार भी प्रकट किया। सीएम ने कहा कि फर्स्ट रेस्पांडर की भूमिका निभाने वाले ग्रामीणों को सरकार प्रोत्साहन राशि देगी।

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