पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने सुरक्षाबलों को अगले पखवाड़े के दौरान किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। ईद, रक्षाबंधन, पांच अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दौरान आतंकी और अलगाववादी हालात बिगाड़ने व सनसनीखेज हिंसक वारदातों का अंजाम देने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
पुलिस मुख्यालय में उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अगला पखवाड़ा त्योहारों और समारोहों वाला है। पाक और उसके एजेंट माहौल बिगाड़ने के लिए त्योहारों के समय पूरी कोशिश करते हैं। वह लोगों को भड़काने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाएंगे, इसलिए गश्ती दलों, नाका पार्टियां और आतंकरोधी अभियानों में शामिल जवानों के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी में शामिल जवानों को हालात के प्रति जागरूक बनाया जाए।
सुरक्षा एजेंसियों को सराहा
पुलिस महानिदेशक ने आतंकरोधी अभियानों के सफल संचालन और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में पुलिस व अन्य संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को सराहा। हमें लगातार सावधान रहना है, जरा सी लापरवाही पूरी मेहनत को बेकार कर देगी। सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, संवेदनशील स्थानों, धर्मस्थलों, सुरक्षा शिविरों की सुरक्षा कड़ी की जाए। पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों और मुख्यधारा की सियासत से जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं। उन्होंने सीसीटीवी से लैस बुलेट प्रूफ बंकरों के समुचित इस्तेमाल पर जोर दिया।
सभी अधिकारी इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि ड्यूटी पर तैनात जवान हमेशा अलर्ट रहें। उनका हथियार उनके पास हो और वह बुलेट प्रूफ जैकेट व पटका पहने हुए हों। कानून व्यवस्था की स्थिति, आतंकी घटनाओं व अन्य संवेदनशील घटनाओं से जुड़े मामलों की रिकॉर्डिंग की जाए।
भटक कर गुलाम कश्मीर पहुंचा किशोर छह माह बाद लौटा
उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे करनाह के चतकारी (कुपवाड़ा) गांव में बहन के घर जाते हुए भटक कर गुलाम कश्मीर जा पहुंचा 16 वर्षीय रईस अहमद छह माह बाद वीरवार को घर लौट आया। नियंत्रण रेखा पर हुई झंडा बैठक में सेना व कुपवाड़ा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी मे किशोर को परिजनों को सौंपा। यह झंडा बैठक एलओसी पर टीटवाल में जम्मू कश्मीर व गुलाम कश्मीर को आपस में जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर सुबह सवा ग्यारह बजे हुई।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद रईस अहमद पुत्र मोहम्मद याकूब कुमार को भारतीय सैन्याधिकारियों के जरिए परिजनों को सौंपा। सुदपोरा गांव के रईस 29 जनवरी का भटक कर गुलाम कश्मीर चला गया था। पिता मोहम्मद याकूब ने कहा कि हमारे घर में एक समारोह था। उसमें मैंने बेटी और दामाद को बुलाया था। न्योता देने के लिए मैंने रईस को उनके घर भेजा। मेरी बेटी चतकारी गांव में रहती है। यह गांव भी एलओसी पर ही है। शाम होने के कारण मेरा बेटा रास्ता भटक गया और गुलाम कश्मीर पहुंच गया। वहां उसे पाकिस्तानी फौजियों ने पकड़ लिया था।