MY BHARAT TIMES, 24 नवम्बर 2020, सोमवार, चम्पावत (सू०वि०), आज सतत विकास लक्ष्यों की स्थानीयकरण को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। प्रभारी जिलाधिकारी टीएस मर्तोलिया की अध्यक्षता में जिला सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन विभिन्न विभागों के चार समूह बनाकर जिला स्तरीय अधिकारियों को विजन वर्ष 2030 को लक्ष्य मानकर प्लानिंग कमीशन के 17 बिंदु पर चर्चा की गयी। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा बताया कि वर्ष 2030 को विजन मानकर किस प्रकार से गरीबी समाप्त की जा सकती है, खाद्य सुरक्षा एवं सतत कृषि को किस प्रकार बढ़ावा मिलेगा, लोगों का स्वस्थ्य जीवन किस प्रकार हो सकता है, समावेशीय एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, लैंगिक समान्ता एवं महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ जल, सतत एवं आधूनिक ऊर्जा की उपलब्धता, किस प्रकार आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन किया जाय, वन एवं स्थानीय पारिस्थितिक का किस प्रकार से बचाव किया जाय आदि बिन्दुओं पर चर्चा कर लक्ष्य बनाकर लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने कर्मचारियों एवं अधिकारियों से अपने-अपने विभागों में आमजनों के लिए हो रही समस्याओं के निस्तारण एवं जिले के विकास के लिए प्लॉन बनाने की बात कही। उन्होंने पर्यावरण से छेड़छाड़ करे बिना सतत विकास के लिए वर्ष 2030 तक स्थानीय आवश्यकतानुसार ही योजनायें बनाकर उसी अनुरूप सतत विकास के लिए कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद की अलग-अलग भौगोलिक परिस्तिथियाँ होने के कारण समस्या भी अलग-अलग हो सकती है। इसलिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ही लक्ष्य बनायें। उन्होंने कहा कि जनपद में पर्यटन की अपार सम्भावनायें हैं, बस जरूरत है तो विकास करने की, जिसके लिए सभी विभागों को आपस में मिलकर एवं जन सहभागिता से काम करने की आवश्यकता है। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें 2030 तक सतत विकास करना है, जिस कारण हम सभी की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि विभाग आपसी समन्वय बना गुणवत्ता के साथ विकास के कार्य कर लोगों को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए जन सहभागित का होना जरूरी है इसलिए हमारी जिम्मेदारी लोगों को विकास के प्रति जागरूक एवं प्रेरित करना है।
यूएनडीपी के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में सतत विकास के संबंधों पर चर्चा की गयी। जिसमें पर्यटन, हॉर्टिकल्चर, सामाजिक विकास, रोजगार, पेयजल, प्रदूषण, आपदा आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। कार्यशाला में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गर्वनेन्स के नितीश कौशिक ने यूएनडीपी के द्वारा विजन 2030 के नाम से एक योजना प्रस्तुत की, जिसके तहत 17 बिंदुओ पर चर्चा की गई। जिनके आधार पर क्षेत्र के विकास के लिए योजना बनायी जानी है। कार्यशाला में देहरादन एवं गुड़गाँव से आये विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्रीय समस्याओं पर आधारित क्रिया-कलापों पर अपने-अपने वक्तव्य दिये गये साथ ही विभागों एवं एनजीओ के समूह बनाकर उनसे परिचर्चा के साथ सुझाव भी लिए गये। कार्यशाला में ईएचआई से आये मनमोहन खोसला ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यहाँ की स्थानीय समस्याओं को सामने लाकर उनके समाधान कर विजन 2030 के लिए चरणबद्ध ढंग से खाका तैयार किया जाना है।
इस मौके पर जिला विकास अधिकारी एसके पंत, एसडीओ वन एमएम भट्ट, एएमई जिला पंचायत राजेश कुमार, पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डीएस राजपूत, बेसिक सत्यनारायण, जिला अपादा प्रबन्धन अधिकारी मनोज पाण्डे, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी एनबी बचखेती, ईएचआई के विशेषज्ञ गिरधर भट्ट, शंकर, मनीष जोशी, सरैन जैकब, स्मृति खेरा समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।