रविशंकर प्रसाद ने कहा- चीनी ऐप्स पर बैन से हमारे पास बड़ा अवसर, बन सकते है मेड इन इंडिया ऐप

केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि Tik TOK, यूसी ब्राउज़र और अन्य चीनी ऐप सहित 59 मोबाइल ऐप पर हालिया प्रतिबंध भारतीयों के लिए अपने स्वयं के एप के साथ आने का एक ‘शानदार अवसर’ है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘प्रतिबंध के मद्देनजर जो हमने लगाया है … मुझे लगता है कि यह एक महान अवसर है। क्या हम भारतीयों द्वारा किए गए बनाए गए अच्छे Apps के साथ आ सकते हैं? विभिन्न कारणों से अपने स्वयं के एजेंडे के साथ विदेशी एप्स पर निर्भरता को रोकें।’

भारत-चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। सरकार ने 59 चाइनीज ऐप पर रोक लगा दी थी। इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चाइनीज एप की एक लिस्ट तैयार कर केंद्र सरकार से अपील की थी इनको बैन किया जाए या फिर लोगों को कहा जाए कि इनको तुरंत अपने मोबाइल से हटा दें। इसके पीछे दलील ये दी गई थी कि चीन भारतीय डेटा हैक कर सकता है। इन एप्स के ब्लॉक होने का मतलब है कि अब भारतीय यूजर्स इन ऐप्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

बैन किए गए ऐप में मशहूर टिक-टॉक ऐप भी शामिल है। इसके अलावा यूसी ब्राउजर, कैम स्कैनर जैसे और भी बहुत फेमस ऐप शामिल हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि डेटा सुरक्षा से जुड़े पहलुओं और 130 करोड़ भारतीयों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। हाल ही में यह ध्यान दिया गया है कि इस तरह की चिंताओं से हमारे देश की संप्रभुता और सुरक्षा को भी खतरा है।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसे लागू करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने (प्रोसिजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉरमेशन बाई पब्लिक) नियम 2009 और खतरों की आकस्मिक प्रकृति को देखते हुए 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार के अनुसार इन 59 ऐप्स को ब्लॉक करने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि उपलब्ध जानकारी के मद्देनजर चीन उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

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