लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में पारित हुए कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने में सक्षम दो विधेयक

MY BHARAT TIMES, कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने में सक्षम दो विधेयक, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता विधेयक पिछले दिनों लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यसभा में भी ध्वनि मत से पारित हो गए। विधेयक पारित होने से पहले सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विधेयक पास होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ‘बड़े ही हर्ष का विषय है कि राज्यसभा में पारित होने के बाद कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने में सक्षम दो विधेयकों, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है।’ इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के दिशानिर्देशन में आज ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की मजबूत नींव रख दी गई है। संसद में इन दोनों विधायकों के पारित हो जाने के बाद कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जायेगा।’

उन्होंने कहा कि इन दोनों विधेयकों के पारित होने में न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रभावी कदम सिद्ध होगा | रक्षामंत्री ने इस अभूतपूर्व कृषि सुधार के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार जताते हुए कृषि मंत्री को भी धन्यवाद् दिया। वहीं राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की उपज की खरीद एमएसपी पर ही की जाती रहेगी, इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए’। बिल पास होने के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर कहा कि ‘देश में कृषि सुधार के लिए दो महत्वपूर्ण विधेयक, कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को आज राज्यसभा में पारित हुआ।’

बिल से सम्बंधित मुख्य बिंदु —–

अगर बिल के विरोध की बात करें तो किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 में एक परिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है। अर्थात एक ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा, जहाँ किसान और व्यापारी किसी भी राज्य में जाकर अपनी फसलों को बेच और खरीद सकेंगे। इस बिल के मुताबिक जरूरी नहीं कि आप राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें, साथ ही किसान और व्यापारी अनाज को लाभदायक मूल्यों पर भी बेच पायेंगे।

वहीं अगर दूसरे बिल किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 की बात करें तो इसके तहत कृषि समझौते पर राष्ट्रीय ढांचे को तैयार करने का प्रावधान किया गया है, अर्थात इसके जरिए किसानों को कृषि व्यापार में किसानों, व्यापारियों, निर्यातकों इत्यादि के लिए पारदर्शी तरीके से सहमति वाला लाभदायक मूल्य ढांचा उपलब्ध कराना है।

1- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक,2020 के तहत किसान देश के किसी भी कोने में अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे। अगर राज्य में उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा या मंडी सुविधा नहीं है तो किसान अपनी फसलों को किसी दूसरे राज्य में ले जाकर फसलों को बेच सकता है। साथ ही फसलों को ऑनलाइन माध्यमों से भी बेंचा जा सकेगा, और बेहतर दाम मिलेंगे।
2- मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, 2020 के तहत किसानों की आय बढ़ाने को लेकर ध्यान दिया गया है। इसके माध्यम से सरकार बिचौलियों को खत्म करना चाहती है, ताकि किसान को उचित मूल्य मिल सके ,जिसके माध्यम से एक आपूर्ति चैन तैयार की जा सकती है।
3- आवश्यक वस्तु (संशोधन), 2020 के तहत अनाज, खाद्य तेल, आलू-प्याज को आनिवार्य वस्तु नहीं रह गई हैं। इनका अब भंडारण किया जाएगा, इसके तहत कृषि में विदेशी निवेश को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस बिल के पारित होने के बाद विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव ले आए, उन पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिल पर चर्चा के दौरान उनके रवैये ने लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुँचाया है। शाम 7.30 बजे केंद्र सरकारी की तरफ़ छह मंत्रियों ने इसे लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रेल एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत मौजूद थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “राज्यसभा में जो हुआ, वह बहुत ही दु:खद और शर्मनाक था। उपसभापति के साथ दुर्वव्यहार हुआ है ,हरिवंश जी की मूल्यों के प्रति विशवास रखने वाली छवि है। सीधे आसन तक जाना, रूल बुक को फाड़ना, अन्य कागजात फाड़ना, आसन पर चढ़ना, संसदीय इतिहास में ऐसी घटना न लोकसभा में हुई न राज्यसभा में.” उन्होंने कहा कि उपसभापति के साथ हुए आचरण की जितनी भर्तसना की जाए वह कम है, उनकी छवि पर आँच आई है, संसदीय गरिमा को ठेस पहुँची है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने जो नोटिस दिया है उस पर फ़ैसला सभापति के द्वारा ही किया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *