नई दिल्ली, भारत और पड़ोसी मुल्क नेपाल इस वक्त भारी बारिश के चलते आई बाढ़ का सामना कर रहा है। दोनों देशों में इस आपदा के चलते काफी संख्या में लोगों की जान भी गई है। दोनों देशों में बाढ़ से मरनेवालों की संख्या 150 के पार पहुंच गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि बेमौसम भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है। ऐसे में कई लोगों के घर भी पानी के बहाव में डूब गए हैं।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एसए मुरुगेसन ने बताया कि भारत में इस भयंकर बारिश के चलते उत्तराखंड विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें 48 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हिमालयी राज्य के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल नैनीताल में, शहर की मुख्य झील ने अपने किनारों को तोड़ दिया, जिससे मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया। इस दौरान पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा है। पिछले सप्ताह दक्षिण भारतीय राज्य केरल में करीब 42 लोगों की मौत हुई है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल में कम से कम 77 लोगों की मौत हुई है।
भारत के गृह मंत्री अमित शाह आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी हैं। इस भयंकर बारिश के चलते उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में सर्वाधिक तबाही मची है। बागेश्वर में चार और टैकरों के निधन के बाद अब 53 मौत की हो चुकी है। वहीं गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में तीन नेपाली श्रमिकों की मौत हुई है। वहीं नुकसान की बात करें तो कुमाऊं मंडल में 15 पुल बह गए हैं, छह हाईवे बंद हैं, 92 संपर्क मार्ग बंद हैं, 217 मकान-दुकान क्षतिग्रस्त हों गए हैं और 68 हजार लोगों को बचाया जा चुका है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि करीब सात हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान बताया जा रहा है।