लोगों को फिर से लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा, लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर उमड़ा लोगों का हुजूम

मुंबई, देश में कोरोना की दूसरी लहर ने दोबारा से वहीं हालात पैदा कर दिए हैं। जिससे घबराकर काम धंधे की तलाश में आये प्रवासी मजदूर फिर अपने घरों को लौटने लगे हैं। मुंबई में हालात और बदतर होते जा रहे हैं जिसके बाद लोगों को लंबे लॉकडाउन का डर सताने लगाने है।  ऐसे में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्‍या में अपने घरों की ओर रुख कर रहे हैं।  मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भारी संख्‍या में ऐसे लोगों का हुजूम उमड़ आया है। मुंबई के रेलवे स्‍टेशनों पर भीड़ लगातार बढ़ रही है,  ट्रेन के टिकट के लिए  लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही हैं।

पिछले लॉकडाउन में हुई मुश्किलों को देख घबरा रहे हैं मजदूर 

वहीं प्राइवेट कंपनियों ने भी लॉकडाउन के डर से मजदूरों को नौकरियों से निकालना शुरू कर दिया है। भिवंडी और ठाणे में हालात काफी खराब नजर हा रहे हैं। मजदूरों को कहना है कि पिछले साल सरकार ने अचानक लॉकडाउन लगाकर हमारी मुश्किलें बढ़ा दी थी। यहां काम धंधा छिन गया था और घर लौटने के लिए भी हम परेशान हो गए थे। हमने पुलिस के डंडे भी खाये थे। कोरोना के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, कभी भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है। ऐसे में हमारा अभी गांव लौट जाना ही सही है।

नौकरी गई खाने के पैसे भी खत्‍म 

मुंबई में बीते कई वर्षो से गार्ड की नौकरी करने वाले एक व्‍यक्ति का कहना था कि लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया है। घर लौटने के पैसे तक खत्‍म हो चुके हैं ऐसे में घर से पैसे मंगवाकर टिकट खरीद रहा हूं।  पहले लॉकडाउन के बाद जब हालात सामान्‍य हुए उसके बाद ही मैं यहां लौटा था लेकिन अब नौकरी जाने के बाद खाना खाने के पैसे तक नहीं बचे हैं ऐसे में गांव लौट जाना ही सही है।

गौरतलब है कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण  मुंबई में काम करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों का कामकाज बंद हो गया था, जिसके बाद मुंबई में  उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से आये इन मजदूरों को पैदल ही घर लौटना पड़ा था।

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