देहरादून रेलवे स्टेशन पर यात्री शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे

देहरादून रेलवे स्टेशन पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। प्लेटफार्म पर आवाजाही के दौरान यात्री शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्टेशन पर तैनात रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) व यात्र टिकट परीक्षक (टीटीई) स्टाफ मूक दर्शक बने हुए हैं। रेलवे प्रशासन की इस लापरवाही से संक्रमण का खतरा बन हुआ है।

दून रेलवे स्टेशन से एक जून से जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो रहा है। कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में आरपीएफ के जवानों के साथ रेलवे कर्मचारियों ने ज्यादा गंभीरता दिखाई। यात्रियों को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए ट्रेन में बैठाया। प्लेटफार्म तक जाने के लिए गोले बनाए गए थे। लेकिन अब हालात यह हैं कि प्लेटफार्म पर शारीरिक दूरी के लिए बनाए गए गोले यात्रियों की भीड़ में दिखाई नहीं दे रहे हैं। शुक्रवार को जब काठगोदाम-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस दून स्टेशन पहुंची तो ट्रेन से उतरे यात्री शारीरिक दूरी नियम का उल्लंघन करते नजर आए। इस दौरान स्टेशन पर मौजूद सुरक्षाकर्मी भी मूक दर्शक बने रहे। हालांकि, स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों के हाथ सैनिटाइज और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है।

दून स्टेशन के वाणिज्य निरीक्षक एसके अग्रवाल ने कहा कि आरपीएफ व टीटीई स्टाफ को स्टेशन पर नियमों के पालन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। अगर स्टेशन पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है तो अधिकारियों को नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती के साथ निर्देशित किया जाएगा।

कोरोना के लक्षण दिखें तो छिपायें नहीं: डीएम

कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे छिपायें नहीं, बल्कि जितनी जल्दी हो सके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। बीमारी छिपाने से स्थिति घातक हो सकती है। शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें रोगी ने कई दिन बाद स्थिति गंभीर होने पर खुद के बारे में जानकारी दी। ऐसी स्थिति में उनके स्वस्थ्य होने में कई दिक्कतें सामने आईं हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने शुरुआती लक्षण आने के बाद भी जानकारी नहीं दी। जब उनकी स्थिति खराब होने लगी तो वह अस्पताल पहुंचे। इसमें पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को अधिक समस्या हुई। क्योंकि ऐसी स्थिति में संक्रमण का स्तर सबसे खतरनाक स्तर पर होता है।

कोरोना योद्धाओं को डीएम सम्मान

जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर छह कोरोना योद्धाओं को जिलाधिकारी सम्मान से नवाजा जाएगा।

डेंगू का कोई मामला नहीं

जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक जिले में डेंगू का एक भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। प्रभावी सर्विलांस और गली-मोहल्लों का दौरा कर डेंगू के लार्वा को खत्म करने के प्रयासों से ऐसा संभव हो पाया है। पिछले साल अगस्त तक सवा दो सौ डेंगू मरीज सामने आए थे।

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