MY BHARAT TIMES, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं की राज्य में पोषण स्तर को हरसंभव बेहतर बनाया जाये। समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक है। महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। देश में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समाधान पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष फोकस है। इसके दृष्टिगत ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ संचालित किया जा रहा है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना है। उन्होंने जिला प्रशासनों को निर्देश दिए हैं कि पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध है तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध कराई जाए।
गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रूपये भी प्रदान किए जाएं। यह व्यवस्था पहले से संचालित ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत की जाए। ऐसे परिवारों को अच्छे से अच्छा पोषण उपलब्ध कराने के लिए किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए। कुपोषित व अति-कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण संबंधी सभी सुविधायें उपलब्ध कराई जाएं। बच्चों के साथ कुपोषित माँ को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए। कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी जरुरी है। कोविड-19 के समय में इसे डिजिटल माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। जनपद स्तर पर कार्यक्रम की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। मंडलायुक्त के स्तर पर पाक्षिक समीक्षा की जाए। इस समीक्षा की रिपोर्ट विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को भी प्रेषित की जाए। विभागीय स्तर तथा मुख्य सचिव के स्तर पर माहवार समीक्षा संपन्न करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।