नगर विधायक डाॅ. राधा मोहन दास अग्रवाल द्वारा सरकार के लिए जातिसूचक शब्दों के प्रयोग वाले एक आडियो के वायरल होने से सहायक अभियंता को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। वीडियो को लेकर सदर सांसद ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने नगर विधायक से कहा है कि या तो वह इसके लिए मुख्यमंत्री से मांफी मांगे या फिर त्यागपत्र देकर भाजपा छोड़ दें।
सांसद ने नगर विधायक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि जो विधायक बीते 18 वर्ष में अपने घर के सामने की सड़क का जल-जमाव नहीं समाप्त कर सके, उनसे शहर के विकास की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सांसद ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में विकास का मार्ग खोल दिया है, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करते हैं, उसे सर्टिफिकेट देने वाले नगर विधायक कौन होते हैं। यह उनकी नकात्मक सोच का परिणाम है। भाजपा में रहकर जातिवाद की बात करना पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ है। अगर नगर विधायक की यही सोच है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी छोड़ देनी चाहिए। कोरोना काल में खुद द्वारा जरूरतमंदों को की गई मदद करने की चर्चा करते सांसद ने कहा कि विधायक बताएं कि वह उस दौरान किसकी मदद के लिए सामने आए। सांसद ने नगर विधायक की ओर से फेसबुक पर की जा रही लगातार टिप्पणियों पर भी सवाल उठाया। कहा कि उनका यह कृत्य पार्टी लाइन के विपरीत है।
मुझे इस तरह की बातचीत का स्मरण नहीं
वायरल ऑडियो के संबंध में डा. राधामोहन दास अग्रवाल का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी बातचीत का बिल्कुल स्मरण नहीं है। वह इस तरह की बातचीत करने के वे आदी भी नहीं हैं। जिस तरह जनता के सरोकारों को लेकर वह इस वक्त प्रशासनिक अफसरों से संघर्षरत हैं और उसमें राजनीतिक एंगल्स पैदा किए जा रहे हैं। उसमें इस तरह के ऑडियो का वायरल होना रणनीति चाल भी हो सकती है।
छह मिनट 24 सेकेंड का है वायरल ऑडियो
सरकार के लिए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने का नगर विधायक का वायरल ऑडियो छह मिनट 24 सेकेंड का है। इसमें एक तथाकथित भाजपा पदाधिकारी एक विशिष्ट जाति के लड़कों पर अपने मित्र की लड़कियों के साथ छेड़खानी का आरोप लगा रहा है। साथ ही गोरखनाथ थाने पर सुनवाई न करने की बात भी कह रहा है। उस आरोप पर नगर विधायक विशिष्ट जाति के लड़कों की जाति सरकार की जाति बता रहे हैं और इसे लेकर बचकर रहने की सलाह दे रहे हैं। ऑडियो के अंत में वह उस व्यक्ति को एसएसपी से लिखित गुहार लगाने की सलाह के साथ-साथ मदद का आश्वासन भी दे रहे हैं। विधायक डाॅ. विमलेश ने लिखा सत्यमेव जयते, आरएमडी ने जताया आभार
उधर, बांसगांव के विधायक डाॅ. विमलेश पासवान भी अब नगर विधायक के पक्ष में खड़े होते नजर आने लगे हैं। उन्होंने फेसबुक पर नगर विधायक की एक टिप्पणी पर सत्यमेव जयते लिखकर अपना समर्थन जताया है। नगर विधायक ने इसे लेकर उनका आभार जताया है। साथ ही यह भी लिखा है कि चलिए अब एक और विधायक हमारी ओर हो गए। डाॅ. विमलेश पासवान के बड़े भाई और बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान बुधवार को ही नगर विधायक के समर्थन में आगे आ गए थे। इस प्रकरण को लेकर नगर विधायक के फेसबुक एकाउंट पर पूरे दिन जंग छिड़ी रही। एक अन्य पोस्ट में नगर विधायक ने लिखा कि उनकी किसी भी साथी विधायक के साथ वाद-विवाद की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन यदि कोई अनर्गल प्रलाप करता है तो उसका जवाब देना उनका राजनीतिक दायित्व है। नगर विधायक ने सहजनवां विधायक शीतल पांडेय के कथित रूप से उस बयान का संज्ञान अपने फेसबुक एकाउंट पर लिया है, जिसमें उन्होंने सहायक अभियंता के पक्ष में अपने लेटरपैड के गलत इस्तेमाल की बात कही है। नगर विधायक ने कैंपियरगंज विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से अपनी खिलाफ की गई कथित टिप्पणी का भी संज्ञान लिया है। अपने फेसबुक एकाउंट पर उनकी दलीय निष्ठा पर सवाल उठाते हुए बाकायदा छह बिंदुओं पर घेरने की कोशिश की है।
प्रकरण एक नजर में
23 अगस्त: नगर विधायक ने फोरलेन निर्माण की वजह से काॅलोनियों में जल-जमाव का मुद्दा विधानसभा में उठाया
23 अगस्त: नगर विधायक ने उप मुख्यमंत्री और पीडब्लूडी मंत्री केशव मौर्य से मिलकर सहायक अभियंता को लखनऊ अटैच करने की उठाई मांग
24 अगस्त: सदर सांसद रवि किशन ने सहायक अभियंता के पक्ष में उप मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, हटाए जाने पर कार्य प्रभावित होने का दिया तर्क
25 अगस्त: कैपिंयरगंज विधायक फतेह बहादुर सिंह, गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह, सहजनवां विधायक शीतल पांडेय और चौरीचैरा विधायक संगीता यादव ने सहायक अभियंता के पक्ष में उप मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, हटाए जाने पर उनके क्षेत्र का कार्य प्रभावित होने की कही बात।