उत्तराखंड पुलिस का मिशन हौंसला होगा मिशन मोड में समाप्त, इंसानियत के नाते मदद रहेगी जारी

MY BHARAT TIMES, DEHRADUN, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ‘आईपीएस अशोक कुमार’ के निर्देशन में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आम जन की मदद के लिए दिनांक 01 मई 2021 से मिशन हौंसला प्रारम्भ किया गया था। मिशन हौंसला में प्रत्येक जनपद व बटालियन में कोविड कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उनके नम्बर जारी किये गए। मिशन मोड में 01 मई से 31 मई, 2021 तक कार्य करते हुए पुलिस के जवानों ने हर सम्भव सहायता प्रदान करने का कार्य किया, जिसके तहत पुलिस मदद करने और चाहने वालों के बीच समन्वय स्थापित कर सभी थानों को नोडल पाॅइन्टस बनाते हुए जरूरतमंद लोगों को दवाईयाँ, ऑक्सीजन, प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, राशन सहित हर जरूरी सेवा उपलब्ध कराई गई। पुलिस विभाग द्वारा बताया गया कि अब जिस प्रकार कोविड के केसों में कमी आयी है, उसी अनुपात में सहायता के लिए आने वाली काॅल में भी कमी आयी है। इसलिए मिशन हौंसला को मिशन मोड में समाप्त कर रहे हैं, लेकिन हेल्पलाइन नम्बर पूर्व की भांति चलते रहेंगे और पुलिस द्वारा सहायता भी की जाती रहेगी।

मिशन हौंसला के तहत इस एक माह में पुलिस सहायता हेतु कुल 31815 फोन काॅल प्राप्त हुई, जिन पर कार्यवाही करते हुए कुल 2726 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 लोगों को अस्पताल प्रबन्धन से समन्वय कर अस्पताल में बेड, 217 लोगों को प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, 17609 लोगों को दवाईयाँ, 600 लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दिलाने में मदद की गयी। साथ ही 94484 लोगों को राशन, दूध व कुक्ड फूड, 492 कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार और 5252 सीनियर सिटिजन से सम्पर्क कर उनकी सहायता की गयी। बहुत से सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर मिशन हौसला को सहयोग किया गया।मिशन हौसला को सफल बनाने में उत्तराखण्ड पुलिस के सभी अधिकारियों एवं जवानों ने दिन-रात एक कर मानव सेवा के लिए कार्य किया है। मरीजों तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना हो या उनको अस्पताल ले जाकर बेड दिलाना। जरूरतमंदों की भूख मिटाना हो या उन्हें अस्पताल या घर पहुँचाना। हमारे जवान हर मोर्चे पर तन्मयता से जुटे रहे।

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मिशन हौसला के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में पुलिस कर्मियों ने जरूरतमंदों की मदद और सेवा की है निश्चित रूप से कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में वह खाकी में इंसान के मानवता भरे नेक और निस्वार्थ स्वरूप को दर्शाता है। इस दौरान हमारे 2382 पुलिसकर्मी एवं उनके 751 परिजन भी कोरोना से संक्रमित हुए, जिसमें से 05 जवानों एवं 64 परिजनों की मृत्यु हुई। इसके बावजूद भी हमारे जवान अपनी ड्यूटी पर अडिग रहे। उत्तराखंड पुलिस ने पूरे प्रदेश में इस मिशन के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है, हर जरूरतमंद की मदद के लिए पुलिस विभाग हमेशा तत्पर रहा है। दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में भी पुलिस की टीम ने लोगों को मदद पहुँचाई है। पुलिस महानिदेशक द्वारा चलाये गए इस अभियान के तहत हजारों लोगों की जान बचाई गई है, जिससे एक बार फिर से यह साबित हो गया है कि ‘ खाकी में इंसान ‘ ही होता है जो हर पल जनता के सेवा में तत्पर होता है इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस का स्लोगन ‘ मित्र पुलिस ‘ भी सही साबित हुआ। लोगों के मन में जो पुलिस का खौफ था वह अब मित्रता में बदल रहा है, लोगों की पुलिस विभाग के प्रति भावनायें भी अब साफ़ हो गई हैं। जिस प्रकार से मित्र पुलिस हमेशा हम सबके साथ होती है, उसी प्रकार हमें भी मित्रता निभानी चाहिए।

 

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