किशोर न्याय बोर्ड़ के आदेश के बाद राजकीय सम्प्रेक्षण गृह से सात बाल कैदियों को किया गया अंतरिम जमानत पर रिहा

माई भारत टाईम्स। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये पूरे देश में संपूर्ण लाॅकडाउन 14 अप्रैल तक किया गया है। लाॅकडाउन घोषित होने के बाद उत्तराखण्ड की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदी व विचाराधीन बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसमें सात साल या इससे कम सजा वाले कैदियों व बंदियों को पैरोल याय अंतरिम जमानत पर रिहा किये जाने के आदेश दिये गये थे। राजकीय सम्प्रेक्षण गृह के बाल कैदियों को भी अंतरिम जमानत पर रिहा करने की प्रक्रिया के तहत बीते दिनों जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को रिपोर्ट भेजी गयी थी। रिपोर्ट के बाद किशोर न्याय बोर्ड़ ने कोरोना संक्रमण को देखते हुये बाल कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये थे। जिसके बाद बुधवार को चार बाल कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया और तीन कैदियों को एक बार फिर गुरूवार को राजकीय सम्प्रेक्षण गृह से अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है। इन कैदियों को राजकीय सम्प्रेक्षण गृह से रिहा करने के बाद इनके परिजनों को सौंप दिया गया।