बीजेपी सांसद और अनुपम खेर की पत्नी किरण खेर ब्लड कैंसर से पीड़ित

नई दिल्ली, बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और बीजेपी सांसद किरण खेर एक प्रकार के ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं। पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज मुंबई में चल रहा है। अनुपम खेर ने गुरुवार को इसकी पुष्टि सोशल मीडिया के ज़रिए की और बताया कि किरण की सेहत अब कैसी है।

अनुपम ने ट्विटर पर एक नोट साझा किया, जिसमें कहा गया- अफ़वाहों से किसी का भला नहीं होता, इसलिए सिकंदर और मैं आपको सूचित कर रहे हैं कि किरण को मल्टीपल माएलोमा हुआ है, जो एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। अभी उनका इलाज चल रहा है और हमें यक़ीन है कि वो पहले ज़्यादा मजबूत होकर बाहर आएंगी। हम ख़ुशकिस्मत हैं कि उनका इलाज कुछ बेहतरीन डॉक्टर्स कर रहे हैं। वो हमेशा से जुझारू रही हैं और मुश्किलों से सीधे टकराती हैं। उन्हें कई लोग दिल से प्यार करते हैं। इसलिए प्यार भेजते रहिए। उन्हें दिल और दुआओं में रखिए। वो रिकवरी के रास्ते पर हैं। उन्हें प्यार और सहारा देने के लिए सभी का शुक्रिया।

बता दें, बुधवार को चंडीगढ़ में बीजेपी नेता अरुण सूद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरण खेर की सेहत के बारे में सूचना दी थी। उन्होंने कहा था कि वो पिछले कुछ वक़्त से गंभीर रूप से बीमार चल रही हैं, इसलिए राजनीतिक गतिविधियों से दूर हैं। इसके बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि किरण को ब्लड कैंसर हो गया है, जिसके बाद गुरुवार को अनुपम खेर ने सोशल मीडिया के ज़रिए इसकी पुष्टि की।

किरण खेर हिंदी सिनेमा की बेहतरीन एक्ट्रेसेज़ में शामिल हैं, जिन्होंने अपने अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीता है। 1996 में ‘सरदारी बेगम’ के लिए उन्हें स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड दिया गया था, वहीं 1999 में ‘बाड़ीवाली’ के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड दिया गया।

किरण ने कई कमर्शियल हिंदी फ़िल्मों में यादगार चरित्र किरदार निभाये हैं। ‘मैं हूं ना’ और ‘ओम शांति ओम’ में किरण ने शाह रुख़ ख़ान के किरदार की मां का रोल निभाया था, जबकि ‘देवदास’ में वो पारो बनीं ऐश्वर्या राय बच्चन की मां के किरदार में नज़र आयी थीं।

किरण ‘इंडियाज़ गॉट टैलेंट’ की जज के रूप में छोटे पर्दे पर नज़र आती रही हैं। इस शो को उन्होंने करण जौहर और मलाइका अरोड़ा के साथ मिलकर जज किया।

किरण खेर ने 2009 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी। 2014 में बीजेपी के टिकट पर चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव जीतकर वो संसद पहुंची। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वो अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं।

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