कैंची धाम के स्थापना दिवस पर 56 साल के इतिहास में पहली बार नहीं होगा मेले का आयोजन

MY BHARAT TIMES, ALMORA . कोरोना संकट का असर इस बार प्रत्येक क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। कोरोना का यह असर इस बार उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर में भी दिखाई देगा। कैंची धाम नैनीताल-भवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर भुवालीगाड के बायीं ओर स्थित है। कैंची धाम में प्रतिवर्ष 15 जून को वार्षिक समारोह मनाया जाता है। उस दिन यहाँ नीब करौरी बाबा के भक्तों की विशाल भीड़ लगी रहती है। नीब करौरी बाबा बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में से एक हैं। उनका जन्म ग्राम अकबरपुरा जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश है, जो की हिरन गाँव से 500 मीटर दूरी पर है। नीब करौरी बाबा को हम महाराज जी कहते है| ऐसा माना जाता है कि जब तक महाराजजी 17 वर्ष के थे, तब वह सबकुछ जानते थे| जो आज के युग मे समझ मे नहीं आ सकता। उनको इतनी छोटी सी आयु में सारा ज्ञान था। भगवान के बारे में संपूर्ण ज्ञान था, बताते है, भगवान श्री हनुमान उनके गुरु हैं गोस्वामी तुलसी दास जी जैसे लोगों की परंपरा में नीब करौरी बाबा जी ही ऐसे थे, जिन्होंने रामभक्त श्री हनुमान जी महाराज के प्रत्यक्ष दर्शन किए थे। नीब करौरी बाबा जी ने अपने जीवन में लगभग 108 हनुमान मंदिर बनवाए थे। बाबा नीब करौरी जी महाज्ञानी और अन्तर्यामी होने के बावजूद भी घमंड नहीं था और वह साधारण जीवन जीते थे। गौरतलब है कि उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में अल्मोड़ा, भवाली, रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित कैंची धाम लाखों लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र है। यह धाम 20वीं शताब्दी में जन्मे दिव्य पुरुष बाबा नीब करौरी जी की पावन भूमि है। बाबा नीब करौरी  1962 में खैरना के पास कैंची आए थे और 15 जून 1964 को पहली बार उन्होंने यहां पर हनुमान जी की मूर्ति को विधिवत स्थापित किया था। तब से हर साल यहां इस धाम में 15 जून को विशाल मेला लगाया जाता है और भारी तादात में भक्त दर्शन करने आया करते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार मेला नहीं लगने से बाबा के भक्तों में काफी निराशा है।

कोरोना के चलते बाबा धाम के 56 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब लॉकडाउन के चलते कैंची धाम में मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन नहीं हो पायेगा। इससे पहले हर साल लगातार 15 जून को कैंची धाम में बाबा के भक्तों के लिए विशाल मेला लगता रहा है। लेकिन इस बार दुनिया जहान के भक्तों को निराशा हाथ लगी है। देश-विदेश से लाखों भक्त नीब करौरी बाबा के दरबार में हर साल जून के महीने में माथा टेकने व आशीर्वाद लेने यहां पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी ने इस साल होने वाले मेले के आयोजन में बाधा डाल दी। ज़ाहिर है बाबा का आशीर्वाद ना मिलने से भक्तों में काफी निराशा है।उधर मंदिर के ट्रस्टियों ने बाबा नीब करौरी के भक्तों से संयम बरतने की अपील की है और साथ ही ये भी संदेश जारी किया है कि वैश्विक महामारी के इस संकट में भक्तगण अपने-अपने घरों में रहकर ही बाबा का स्मरण करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *