MY BHARAT TIMES, DEVIDHURA. देवीधुरा में बाराही देवी मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष रक्षावन्धन के अवसर पर श्रावणी पूर्णिमा को पत्थरों की वर्षा का एक विशाल मेला जुटता है । माँ बाराही धाम, लोहाघाट लोहाघाट-अल्मोड़ा मार्ग पर लोहाघाट से लगभग 45 कि.मी की दूरी पर स्थित है। महाभारत में पाण्डवों के अज्ञातवास से लेकर अनेक पौराणिक धार्मिक एवं ऐतिहासिक घटनाओं से जुडा हुआ है। यही प्रसिद्ध देवीधूरा मेला आयोजित हुआ करता है। बग्वाल को लेकर रविवार को देवीधुरा में प्रशासन, मंदिर समिति, चार खाम, सात थोक के प्रधानों समिति अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया की अध्यक्षता में बैठक हुई। तय हुआ कि इस बार कोरोना महामारी के कारण इस बार देवीधुरा में बग्वाल मेला नहीं होगा। एकादशी पूजा में चार खाम के प्रधान पात्र ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भाग ले सकेंगे। तीन अगस्त को रक्षा बंधन के दिन प्रत्येक खाम के अधिकतम दस-दस सदस्य ही सांकेतिक बग्वाल पूजा में शामिल हो सकेंगे। चार अगस्त को माता का डोला मुचकुंद ऋषि आश्रम जाएगा। इस डोले में भी तीन-चार से अधिक लोग प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे। देवीधूरा में हर साल रक्षा बंधन को होने वाली बग्वाल इस बार केवल सांकेतिक रूप में होगी। देवीधुरा में न मेला लगेगा और न हीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। बग्वाल से संबंधित पूजा में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चुनिंदा लोग ही शामिल हो सकेंगे। ग्रामीणों को घरों में माता का प्रसाद भेजा जाएगा। बग्वाल पूजा अर्चना के लिए जिला पंचायत की ओर से सफाई कर्मी और सेनेटाइजर आदि की व्यवस्था की जाएगी। पूजा संपन्न होने के बाद प्रत्येक खाम के प्रधान घर-घर जाकर लोगों को प्रसाद वितरित करेंगे।