पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा। दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी को लेकर जो सहमति बनी थी वह जमीन पर लागू होती नहीं दिख रही। इस बीच भारत और चीन के बीच आज दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में एक बार फिर मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने वाली है। भारतीय सेना के सूत्र के मुताबिक इसमें चीन द्वारा लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पर चर्चा होगी।
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने माना था कि गत पांच मई के बाद चीनी सैनिकों ने गलवन घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में एलएसी का उल्लंघन किया था। चीनी सैनिक कुगरंग नाला, गोगरा और पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे पर 17-18 मई को घुसे थे। इसके अलावा उसने बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा किया है। मंत्रालय के मुताबिक एलएसी पर चीनी आक्रामकता में कमी नहीं आई है और सैन्य गतिरोध लंबा खिंचने की आशंका है। वहीं, तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर वार्ता का दौर लगातार जारी है।
कोर कमांडर स्तर की पांचवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। एलएसी पर अपने सैनिकों को हटाने के बजाय चीन ने उल्टे भारत से पैंगोंग और फिंगर चार इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कहा। भारत ने चीन की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। फिंगर चार इलाके में भारत दशकों से पैट्रोलिंग करता रहा है। चीन के प्रस्तावों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में चाइना स्टडीज ग्रुप की बैठक में समीक्षा की गई। इसके बाद सैन्य हॉटलाइन के जरिये भारत ने साफ कह दिया कि एलएसी पर घुसपैठ के पूर्व की स्थिति की बहाली से ही गतिरोध का हल निकलेगा।