पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कैलास मानसरोवर यात्रा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब से सिक्किम से कैलास मानसरोवर यात्रा प्रारंभ हुई, एक लाबी यह कोशिश कर रही है कि कुमाऊं मंडल से यात्रा रूट को छोड़ा जाए।
इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि पिथौरागढ़-लिपुलेख होकर संचालित होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा के बारे में तीसरे वर्ष भी कुछ सुनाई नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन भी इस यात्रा का संचालन नहीं चाहता है। काला पानी के जिस इलाके से होकर यात्रा गुजरती है, सीमा विवाद के उस प्रसंग को उकसाने में भी नेपाल के पीछे चीन है। इस यात्रा का न केवल ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व है। चीन के लिए असुविधाजनक होते हुए भी यह हमारे लिए एक बेहतर व्यापार मार्ग भी उपलब्ध कराता है। केंद्र सरकार भी इसमें अपेक्षित रुचि नहीं दिखा रहा है।
कांग्रेस की भी घट रही है हरीश रावत में रुचि!
पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस यात्रा के बहाने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा के बारे में बहुत कुछ लिखना चाहते हैं। कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की भी रुचि उनमें घट रही है। पता नहीं कितने दिन कांग्रेस उन्हें अपने से जोड़े रखना चाहती है। ऐसे समय में वह 2000 से 2002 तक अपनी पदयात्रा के प्रसंगों के बारे में कुछ लिखना चाहते हैं, ताकि आने वाले समय में कांग्रेसजनों को भी इससे कुछ प्रेरणा मिल सके।
सहकारी बैंकों में भर्ती गड़बड़ी की हो एसआइटी जांच: प्रीतम
पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सहकारी बैंकों में भर्तियों में बड़े स्तर पर अनियमितता हुई है। इसकी एसआइटी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में अवैध खनन चरम पर है। आगामी बजट सत्र में पुख्ता सुबूतों के साथ सदन के पटल पर इसकी जानकारी रखेंगे।
मीडिया से बातचीत में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंकों में भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हुआ है। सरकार नहीं चाहती कि भ्रष्टाचार की सही वस्तुस्थिति सामने आए, इसलिए विभागीय जांच के नाम पर लीपापोती कराई जा रही है। भ्रष्टाचार पर सरकार के जीरो टालरेंस का दावा कठघरे में है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन जोरों पर है। इस मामले को पिछले विधानसभा सत्र में भी उठाने की कोशिश की गई, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिल पाई। आगामी बजट सत्र में इस मामले को सुबूतों के साथ सदन में उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के चयन पर कांग्रेस हाईकमान जल्द निर्णय करेगा। सभी विधायक इस मामले में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंप चुके हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार के चलते पांचों प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष हटाए गए। उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी जल्द नियुक्ति होगी।