विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने उठाये महत्वपूर्ण कदम

  • कुलपति पद पर चयन के लिए पैनल में चयनित सभी अभ्यर्थियों के पारदर्शी साक्षात्कार की व्यवस्था प्रारम्भ।
  • पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिंग।
  • विश्वविद्यालयों की कार्य परिषद की बैठकों की वीडियो रिकार्डिंग के निर्देश।
  • विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिंग के निर्देश।

MY BHARAT TIMES, 20 जुलाई 2022, देहरादून (सू.वि.)। राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने राजकीय विश्वविद्यालयों में कुलपति चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल सपोर्ट सिस्टम का प्रयोग करने के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। हाल ही में उत्तराखण्ड तकनीकि विश्वविद्यालय और उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय हेतु कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया में इसकी शुरूआत भी हो गई है।

राजकीय विश्वविद्यालयों की कुलपति चयन प्रक्रिया में सरकार द्वारा गठित सर्च कमेटी द्वारा 3 से 5 नाम राजभवन प्रेषित किये जाते हैं। नई प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए पैनल में सम्मिलित कुलपति पद के प्रत्येक अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। उत्तराखण्ड तकनीकि विश्वविद्यालय के कुलपति चयन के साथ इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया है जब पैनल में सम्मिलित सभी अभ्यर्थियों का औपचारिक साक्षात्कार हुआ।

साक्षात्कार में राज्यपाल के साथ-साथ उनके द्वारा निर्दिष्ट राजभवन के उच्च अधिकारियों का पैनल भी रहता है। कुलपति पद के अभ्यर्थी से अकादमिक, प्रशासनिक, मनौवैज्ञानिक, उनकी अभिरूचि, उनके विजन, उनकी कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की जाती है। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति पद हेतु चयन साक्षात्कार में इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी प्रारम्भ कर दी गई है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) का निर्देश है कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और जवाबदेही तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब कुलपति पद सहित विश्वविद्यालय की सभी नियुक्तियाँ पूर्ण पारदर्शिता एवं स्वच्छता के साथ हो। यही नहीं, राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों को असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर आदि शैक्षणिक पदों पर होने वाले साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिंग करने हेतु व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये हैं।

विश्वविद्यालयों की कार्य परिषद की बैठकों में भी पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु रिकार्डिंग शुरू की जायेगी। इस हेतु आवश्यकता पड़ने पर परिनियमों में संशोधन भी किया जायेगा। राजभवन में साक्षात्कार की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, पारदर्शी बनाते हुए इसकी रिकार्डिंग करते हुए इसकी शुरूआत कर दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *