MY BHARAT TIMES, KARNPRAYAG, एक जवान ही होता है जो धरती माँ की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है, जब वह एक सैनिक होता है तो देश की सेवा करता है और रिटायर होने के बाद भी एक जवान खाली नहीं बैठ सकता है, वह कुछ न कुछ करता ही रहता है। ऐसे ही एक जवान हैं श्री रविंद्र सिंह, ग्राम -झुरकंडे, पोस्ट- नौटी, कर्णप्रयाग। जिन्होंने पहले देश की सेवा की और अब गाँव की धरती को माँ समझकर बागवानी कर सेवा कर रहे हैं। जय जवान, जय किसान की सूक्ति को वास्तविकता का अमलीजामा पहनाकर जवान से किसान बनकर उन्होंने जो प्रयास किये हैं, उससे आस-पास के लोग भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। उन्होंने अपनी अंतरात्मा की सुनी और रिटायरमेंट के बाद गाँव में जाकर बागवानी को अपनी रिटायरमेंट योजना के रूप में चुना।
उन्होंने मई के महीने में मात्र 7 से 8 नाली भूमि पर बागवानी का कार्य शुरू किया। उद्यान विभाग द्वारा रविंद्र को टमाटर हाइब्रिड, भिंडी, बैंगन, धनिया एवं शिमला मिर्च के बीज उपलब्ध कराए गए। जिससे जवान द्वारा कोविड-19 के दौरान 3.6 कुंटल टमाटर, 1.5 कुंटल भिंडी, 6 से 7 कुंटल बैंगन, 30 किलो हरा धनिया, 6 से 7 कुंटल मूली, 4 से 5 कुंटल शिमला मिर्च एवं 2 से 2.5 कुंटल प्याज का उत्पादन किया गया एवं स्थानीय बाजार में विक्रय कर रुपए 80 हजार तक की आमदनी प्राप्त हुई। कोरोना काल के दौरान जिस समय बहुत सारे लोग बेरोजगार हुए उस समय रविंद्र ने रोजगार की नई पहल की जिससे वे बेरोजगार युवाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणा के स्रोत बन गए। पूरे ‘नौटी’ क्षेत्रांतर्गत उनको एक आदर्श के रूप में देखा जाने लगा है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं में छिपी प्रतिभा को पहचाना चाहिए जो समाज के लिए लाभदायक हो।