MY BHARAT TIMES, सोमवार, 24 अगस्त 2020, पिथौरागढ़ (सू०वि०), जिलाधिकारी डॉ० विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में सोमवार को जिले में विभिन्न विभागों में लंबित वन भूमि हस्तान्तरण के प्रकरणों की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने विभागों के अंतर्गत विभिन्न स्तरों में लंबित वन भूमि प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों से आए अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन भूमि हस्तान्तरण के जो भी प्रकरण हों, वह समय पर भारत सरकार स्तर से स्वीकृत हों, इस हेतु संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, किसी भी प्रकार की शंका आदि होने पर संबंधित अधिकारी वनाधिकारी से मिलकर उसका समाधान करें। जिलाधिकारी ने कहा कि नोडल व भारत सरकार स्तर से जो भी आपत्तियों प्राप्त होती हैं, सर्व प्रथम उन आपत्तियों को भली-भांति समझ लें उसके उपरांत ही उन आपत्तियों का निस्तारण कर भेजें, ताकि पुनः आपत्ति न आये। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि जिला स्तर पर वन भूमि हस्तांतरण के कोई भी प्रकरण लंबित न रहें इस हेतु प्रत्येक कार्यालय में इस कार्य हेतु एक अलग से अधिकारी व कर्मचारी को नामित करते हुए जिम्मेदारी तय की जाय, इसके अतिरिक्त प्रस्तावों को ऑन लाइन करते समय मांगी गई सभी जानकारियां फीड की जाय। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों को तैयार करने व उन्हें ऑनलाइन किए जाने के संबंध में सड़क निर्माण एवं अन्य विभागों के अधिकारियों व विभाग में इस कार्य को करने वाले कार्मिकों को जानकारी उपलब्ध कराए जाने हेतु शीघ्र ही जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कराया जाय। इस संबंध में इन विभागों को एक सप्ताह में ऐसे अधिकारियों व कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी विनय कुमार भार्गव ने अवगत कराया कि वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 183 वन भूमि हस्तांतरण के ऑन लाइन प्रकरण विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। जिस सम्बन्ध में विभागों द्वारा प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण हेतु कार्यवाही की जा रही है। 183 प्रकरणों में 128 प्रकरण लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत जिले के विभिन्न खण्डों के सड़क के तथा 14 प्रकरण पी एम जी एस वाई समेत विभिन्न विभागों के सामिल हैं। प्रभागीय वनाधिकारी से सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि सड़क निर्माण के दौरान मलवे के सही निस्तारण हेतु विशेष ध्यान रखा जाय ताकि स्थानीय जनता के साथ ही वन संपदा को भी किसी प्रकार का नुकसान ना पहुँचे।
इस दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन भूमि हस्तान्तरण के जो भी जन कल्याणकारी योजना के प्रस्ताव उपलब्ध होते हैं संबंधित विभाग, उन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रस्तावों को ऑनलाइन करना सुनिश्चित करें, इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन योजनाओं पर संयुक्त निरीक्षण एवं सर्वे किया जाना हैं, उन पर तत्काल निरीक्षण कर अनुपालन आख्या संबंधित को समय से उपलब्ध करा दें, तथा जिन योजनाओं पर डीपीआर, सैद्धान्तिक स्वीकृति एवं एनपीबी की कार्यवाही की जानी हैं, उन पर भी तत्काल कार्यवाही करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यदि किसी योजना पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर पर कोई आपत्ति लगायी जाती है तो उन आपत्तियों का निराकरण अनिवार्य रूप से शीघ्रता से सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रावली अधिक समय तक लंबित न रहे इस हेतु प्रत्येक कार्यालय में जिम्नेदारी तय की जाय। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके विभाग में जो भी जन कल्याणकारी योजनायें स्वीकृत हैं, वह यथा-समय धरातल पर दिखें, इस हेतु उन योजनाओं के वन भूमि के प्रस्ताव त्वरित तैयार कर कार्यवाही करें तथा स्वीकृति प्राप्त होने पर निश्चित समयबद्धता पर गुणवत्ता के साथ योजना को पूर्ण करें, ताकि आम जनता को योजना का लाभ मिल सके। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा विभागवार वन भूमि हस्तान्तरण प्रकरणों पर समीक्षा करते हुए प्रगति के सम्बन्ध में विभागों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी आर० डी० पालीवाल, उप जिलाधिकारी तुसार सैनी, उप सेनानी 14वीं एसएसबी पिथौरागढ़ आर० के० राजेश्वरी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग डीडीहाट जे० पी० थपलियाल, अस्कोट आशुतोष, ग्रामीण निर्माण विभाग एल० सी० पाण्डेय, बी० आर० ओ० के जी० सुब्बुई सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।