सीमांत जिले पिथौरागढ़ में आपदा का कहर कम नहीं हो रहा है। धारचूला, बंगापानी तहसील क्षेत्र में सोमवार रात 179. 20 एमएम बारिश हुई। भारी बारिश के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाले जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग में लुमती के पास बीआरओ का मोटर पुल बह गया है। मौरी गांव में चार मकान बह गए हैं। जाराजिबली गांव में जाने वाली चार पुलिया बह गई है। बंगापानी के मेंतली में मलबे में दबकर राधा देवी 45 वर्ष की मौत हुई है। भारी संख्या में जानवर भी मलबे में दबे है। धारचूला तहसील के ख़ुमती में एक दुकान अौर चार वाहन बह गए हैं। धारचूला बाजार में मल्लिकार्जुन के पास भूस्खलन हुआ है। काली नदी धारचूला में और गोरी नदी जौलजीबी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। गोरी नदी बरम में मोटर पुल तक पहुंच चुकी है। लुमती, मौरी, जाराजिबली में लोगों ने घर छोड़ दिए हैं। गोरी नदी घाटी में लुमती से आगे का संपर्क कट गया है। बताया जा रहा है कि 100 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सम्पर्क कट गया है। बंगापानी में तहसील भवन की भूमि बह गई है।
मां-बेटे के शव बरामद, दबे हैं अब भी जानवर
पिथौरागढ़ जिले में आपदा का कहर थम नहीं रहा है। रविवार रात तहसील बंगापानी के धामीगांव के भ्यौल तोक में एक मकान ढह गया थ। इस हादसे में मां और बेटा मलबे में दफन हो गए। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें 47 जानवर भी दबे हैं। इधर, मुनस्यारी तहसील के गूटी गांव में एक शौचालय पर बोल्डर गिरने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। निकटवर्ती खेतभराड़ गांव भी खतरे की जद में आ चुका है। रविवार रात पहली घटना धामीगांव के भ्यौल तोक में हुई। भारी बारिश के चलते पहाड़ से जबरदस्त भूस्खलन हो गया, जिसमें पूरा मकान जमींदोज हो गया। मकान में मौजूद 60 वर्षीय विशना देवी और उसका 30 वर्षीय पुत्र जोहार सिंह मलबे मेंं दफन हो गए। मकान की गोशाला में बंधे 47 जानवर भी मलबे में दब गए। जिनमें चालीस बकरियां, दो गाय, दो भैंस और दो बैल भी शामिल हैं। गांव के प्रधान कुबेर सिंह की सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ, पुलिस व राजस्व टीमों ने सोमवार सुबह से ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था।
48 घंटों के दौरान कुमाऊं में तेज बारिश के आसार
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान कुमाऊं में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना व्यक्त की है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जिले में अगले दो दिनों के दौरान कहीं-कहीं तीव्र दौर के साथ भारी से बहुत बारिश हो सकती है। इसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में कहीं कहीं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती है। लोगों को नदी, नालों के करीब नहीं जाने की सलाह दी गई है। खासकर पर्वतीय जिलों में अतिवृष्टि को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है।
नैनीताल में 24 घन्टे में 23 एमएम बारिश, छह सड़कें बंद
पिछले 24 घन्टे में नैनीताल जिले में 23.5 मिलीमीटर बारिश हुई। सबसे अधिक हल्द्वानी में 68 तो नैनिताल में 47 एमएम बादल बरसे। मौसम विज्ञानियों में बुधवार को भी जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक जिले में 477.9 एमएम क्रमिक बारिश हो चुकी है। बारिश के कारण छह सड़कें बाधित हैं। जिन्हें जेसीबी की मदद से खोलने की कोशिश की जा रही है लोनिवि निर्माण खंड रामनगर की रामनगर- बेतालघाट (स्टेट हाईवे), कांडा डौन – परेवा सड़क, पीएमजीएसवाई की बानना सड़क समेत कुल छह सड़के बंद है। इधर, मंगलवार को भी सुबह से ही मौसम खराब है। आसमान में बादल छाए रहने से बारिश की संभावना जताई जा रही है। इससे पूर्व सोमवार की देर रात को जिलेभर में जमकर बारिश हुई थी।