MY BHARAT TIMES, देहरादून। डीएवी पीजी कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और बागी गुट के बीच टकराव थम नहीं रहा है। बुधवार को भी दोनों पक्षों के कार्यकर्त्ताओं में झड़प होते-होते बची। कई बार दोनों पक्ष आमने-सामने आए। एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी और गाली-गलौज की। गनीमत रही कि पुलिस और पीएसी की मौजूदगी की वजह से नौबत मारपीट तक नहीं पहुंची। दोपहर करीब एक बजे तनाव ज्यादा बढ़ गया तो पुलिस को बागी गुट के कार्यकत्र्ताओं को कालेज परिसर से बाहर करना पड़ा।
डीएवी में एबीवीपी और उसके बागी गुट के कार्यकर्त्ताओं के बीच एक सप्ताह से टकराव चल रहा है। दोनों पक्षों में चार बार मारपीट हो चुकी है, जिसमें छह कार्यकत्र्ता घायल भी हुए। बुधवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे जैसे ही कालेज खुला, दोनों पक्षों के कार्यकत्र्ता परिसर में जमा होने लगे। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पुस्तकालय भवन के आगे एबीवीपी के दयाल बिष्ट, करण घाघट, कुलदीप पंवार और बागी गुट से निवर्तमान अध्यक्ष निखिल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष शुभम सिमल्टी के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकत्र्ता आमने-सामने आ गए। यह देख मौके पर छात्रों की भीड़ जमा होने लगी। ऐसे में कालेज में तैनात पुलिस व पीएसी ने मोर्चा संभाला और दोनों पक्षों को अलग किय
मारपीट का लगाया आरोप
उधर, बागी गुट ने बुधवार को डीएवी पीजी कालेज के सभागार में पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान बागी गुट के नेता एवं डीएवी कालेज के पूर्व अध्यक्ष शुभम सिमल्टी, हनी सिसोदिया और सुमित कुमार ने एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री व अन्य कार्यकत्र्ताओं पर धमकाने और मारपीट करने का आरोप लगाया।
डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना का कहना है कि कालेज में छात्र-छात्राओं के बीच शांति बनाए रखने के लिए मुख्य नियंता डा. गोपाल क्षेत्री को अधिकृत किया गया है। अभी कालेज परीक्षा के लिए खुला है। ऐसे में छात्रों का भीड़ जुटाना कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन भी है। इस बारे में छात्रों को भी विचार करना चाहिए।