प्रदेश में अगले माह फरवरी से कक्षा छह से आठवीं तक कक्षाएं प्रारंभ नहीं होंगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार इन कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का खतरा मोल लेने के पक्ष में नहीं है। अलबत्ता नवीं और 11वीं की कक्षाओं को खोलने की तैयारी है। इस बारे में फैसला 30 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।
कोरोना संकट की वजह से चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 के तकरीबन दस महीने सरकारी और निजी स्कूल खुल नहीं पाए। बीते नवंबर माह में बोर्ड कक्षाओं 10वीं व 12वीं की पढ़ाई के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी गई। दो महीने गुजरने को हैं, लेकिन स्कूलों को पूरी तरह खोलने पर अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और सरकार में हिचक साफतौर पर बनी हुई है। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन और अभिभावक किसी भी तरह का खतरा उठाने को तैयार नहीं है।
दरअसल कोविड-19 के मानकों के मुताबिक कक्षाओं खासतौर पर छोटी कक्षाओं को संचालित करना टेढ़ी खीर है। अमूमन इन कक्षाओं में छात्रसंख्या ज्यादा होती है। कक्षाएं प्रारंभ होने पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, आवश्यक चिकित्सकीय बंदोबस्त और कोविड प्रोटोकाल के मद्देनजर जरूरी व्यवस्थाएं स्कूलों में करनी होंगी। निजी स्कूलों में इसे लेकर संशय की वजह चालू शैक्षिक सत्र का समापन की ओर होना है। निजी स्कूलों में आनलाइन वार्षिक परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी है अथवा शुरू की जा चुकी है।
अगले माह परीक्षा के लिए तैयार बैठे स्कूल सत्र के आखिरी में रिस्क लेने को तैयार नहीं दिख रहे। कमोबेश यही स्थिति सरकारी स्कूलों की भी है। शहरी और दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड प्रोटोकाल के पालन की चुनौती है। खासतौर पर छोटी कक्षाओं के लिए यह चुनौती बड़ी है। इसी वजह से अभिभावकों में भी इसे लेकर संशय बरकरार है। हालांकि कुछ राज्यों में अब स्कूलों को खोला जा चुका है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी बीते दिनों विभागीय समीक्षा बैठक में स्कूलों को खोलने पर विचार करने के निर्देश दिए थे। साथ ही इस संबंध में प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखने को कहा है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कक्षा नौ व 11वीं के लिए स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा है। इन कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को अगले सत्र में बोर्ड परीक्षाओं में बैठना है। इस वजह से विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर फैसला 30 जनवरी को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाना है। उन्होंने कहा कि छठी से लेकर आठवीं तक कक्षाओं को शुरू करने पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है।