MY BHARAT TIMES, 05 सितम्बर 2022, मुरादाबाद। पार्टीजनों से सीधा संवाद, विकास की सौगात और अफसरों को नसीहत। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दो दिन का दौरा हर स्तर पर सकारात्मक संदेश देने में कामयाब रहा है। माना जा रहा मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी भाजपा को सीएम के दौरे ने रफ्तार दी है। उन्होंने अपने व्यवहार से विरोधी पार्टी सपा के जनप्रतिनिधियों को भी सराहना करने के लिए मजबूर कर दिया है।
वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा को मंडल की छह सीटों में एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई थी। हालांकि, रामपुर उपचुनाव में पार्टी ने इस चुनौतीपूर्ण सीट पर फतह हासिल कर ली। विधानसभा चुनाव में मंडल की 27 सीटों में 10 ही भाजपा के खाते में आ सकी।
2024 में सभी सीटें हासिल करने की रणनीति बनाकर चल रही भाजपा को मुरादाबाद मंडल सबसे ज्यादा चुनौती वाला बना है। इसके लिए पार्टी ने बूथ स्तर तक मंथन किया है। दिग्गज केंद्रीय मंत्रियों को भी एक-एक संसदीय सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएम योगी का दौरा भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा था।
दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को आए सीएम ने मुरादाबाद में पार्टीजनों से सीधा संवाद किया। इसके लिए वह नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह को साथ लेकर आए। विधानसभा चुनाव में दोबारा सत्ता हासिल कराने का बड़ा कारण बनी कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने जीरो टालरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया।
समीक्षा बैठक में मंडल के सभी जिलों को वर्चुअल जोड़ा गया। बिजनौर में भी विकास कार्यों की सौगात दी। रविवार को रामपुर में अन्य परियोजनाओं की की घोषणा करने के साथ बिलासपुर में औद्योगिक आस्थान स्थापित करने की भी घोषणा की। इसे संसदीय उपचुनाव का रिटर्न गिफ्ट तो माना ही जा रहा है।
भविष्य में भी मुस्लिम मतों को अपने पाले में रखने की रणनीति भी है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि रामपुर की तरह पार्टी अमरोहा, सम्भल व मुरादाबाद में भी मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में करना चाहती है। साथ ही पार्टीजनों को भी एकजुट किया जा रहा है।
मकसद सिर्फ यह है कि मुरादाबाद मंडल को फतह किया जाए। बीती रात अपने स्वागत समारोह में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में साफ कहा कि मुरादाबाद मंडल को कमजोर माना जाता है। इस कमजोरी को खत्म करना है। मंडल की सभी सीटें जीतनी हैं।
अफसरों को हिदायत, नेताओं को मिली नसीहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिवसीय दौरे पर अफसरों को हिदायत के साथ ही नेताओं को नसीहत दी गई है। जनता की समस्याओं और शिकायतों को तत्काल निस्तारण के लिए कहा गया है। इसके साथ ही तहसीलों में तैनात अफसर अगर जनता की शिकायतों को नहीं सुन रहे हैं,तो उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही नेताओं को जनता के बीच अधिक रहकर सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है। संगठन के पदाधिकारियों को गुटबाजी से दूर रहकर केवल शीर्ष निर्देशों का अनुपालन करने की हिदायत भी दी गई है।