देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। न्याय पंचायत स्तर तक एएनएम की व्यवस्था कर उन्हें आवश्यक दवाइयों का किट उपलब्ध कराया जाए। मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर तेजी से भर्ती पक्रिया शुरू कराने और 75 दिनों के भीतर चिकित्सा शिक्षा के सभी संवर्गों की सेवा नियमावली बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के जिन जिलों में बाल लिंगानुपात में पिछले कुछ सालों में कमी आई है, वहां सुधार के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाए। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में, जहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हैं, वहां चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए। सीएचसी और पीएचसी में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आगामी 100 दिनों के भीतर टेलीमेडिसन की व्यवस्था की जाए। मेडिकल कालेजों में भर्तियां जल्द की जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रा मार्गों पर 108 एंबुलेंस सेवा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
जिन परिवारों के अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, उनके जल्द कार्ड बनाए जाएं। जिला अस्पतालों में सुपर स्पेशलिस्ट व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जाए। डेंगू मलेरिया तथा अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए वर्षाकाल से पहले सभी आवश्यक तैयारी कर ली जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत अभी तक 43.16 लाख गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 2.55 लाख से अधिक व्यक्तियों को इसका लाभ दिया गया है। बैठक में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव डा. पंकज कुमार पांडेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा और अपर सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र चौहान समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।