वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के पास पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच आज भारतीय क्षेत्र में चुशुल में आठवीं बार वार्ता हो रही है। एक तरफ जहां दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है तो दूसरी ओर भारत के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ(सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत, एलएसी में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है और आगे चीन के साथ संघर्ष बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
एक वर्चुअल संगोष्ठी में दिए गए अपने एक संबोधन में जनरल रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जनरल रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लद्दाख में उसके दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणामों का सामना करना पड़ रहा है ।उन्होंने कहा कि भारतीय जवान, चीन के सैनिकों को मजबूती से जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) में किसी भी तरह की फेरबदल को स्वीकार नहीं करेंगे।
सीमा पर वर्तमान हालात के बारे में बात करते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर टकराव, परिवर्तन और अकारण सामरिक सैन्य कार्रवाई से एक बड़े संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तान को लेकर जनरल रावत का बयान
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद और उससे भारतीय सेना द्वारा जिस तरह से निपटा है। उस मुद्दे पर भी जनरल रावत ने सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए जनरल रावत ने कहा कि दो परमाणु हथियारबंद पड़ोसियों (पाकिस्तान और चीन) के बीच निरंतर संघर्ष से क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता का खतरा बढ़ जाता है।
जनरल रावत ने कहा कि उरी हमले और बालाकोट हवाई हमलों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक ने एक मजबूत संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब एलओसी के पार आतंकियों को भारत में भेजने की कोशिश नहीं करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए नए भारतीय खाके ने पाकिस्तान के एजेंडे को फेल कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का मजबूती से सामना करना जानता है।