MY BHARAT TIMES, PITHORAGARH. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी में केवल 5 दिन में ही अति सामरिक महत्व के बैली ब्रिज को दुबारा बनाकर उच्चस्तरीय तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है। अब इस पुल की भार वहन क्षमता दोगुनी हो गई है। 22 जून को भारत-चीन सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित बैली ब्रिज एक भारी ट्रक के गुजरने के दौरान टूट गया था। जिसमें ट्रक का ड्राइवर घायल हो गया था। चालीस फीट लंबे और 2009 में निर्मित उस बैली ब्रिज की भार सहने की क्षमता 18 टन थी, जबकि उस पर से गुजरने वाले ट्रक और उस पर लदी जेसीबी मशीन का कुल भार 26 टन था। पुल के टूटने से जौहार घाटी के करीब 15 सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया था। जो अब पुल के तैयार होने से दोबारा जुड़ गया है, इस कार्य को तेजी और उच्च तकनीकी से करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्माण कार्य में दिन-रात जुटे रहे सीमा सडक संगठन के तमाम अधिकारियों और इंजीनियरों को बधाई दी है।
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी में केवल 5 दिन में ही अति सामरिक महत्व के बैली ब्रिज को दुबारा बनाकर उच्चस्तरीय तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है। अब इस पुल की भार वहन क्षमता दोगुनी है। इस निर्माण कार्य में दिन रात लगे बी.आर.ओ के तमाम अधिकारियों और इंजीनियरों को बहुत-बहुत बधाई – ‘मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत’