MY BHARAT TIMES, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हरियाणा के अंबाला एयरबेस में एक कार्यक्रम के दौरान फ्रांस से आए 5 राफेल लड़ाकू विमानों को 10 सितंबर को औपचारिक रूप से एयरफोर्स में शामिल किया जायेगा। इस कार्यक्रम के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली को भी आमंत्रित किया जाएगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह रूस में 4 से 6 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने वाले हैं। रक्षामंत्री के वहाँ से वापसी के बाद ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। सूत्र ने कहा, ‘राफेल विमान को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने वाला समारोह 10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक दोस्ती को चिह्नित करने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निमंत्रण भी भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि 2016 में रक्षा मंत्री रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने इस करार पर साइन किया। उसके बाद 2018-2019 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के द्वारा इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों का करारा जवाब दिया था। रक्षा मंत्री बनने के बाद राजनाथ सिंह दशहरे के अवसर पर अक्टूबर 2019 में भारत के लिए पहला राफेल लेने फ्रांस गए। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक अनुष्ठान के साथ पूजा की और बाद में विमान में उड़ान भी भरी। भारत ने करीब 60,000 करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का अनुबंध किया है, जिसमें से अधिकांश भुगतान पहले से ही फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन को किया जा चूका है। राफेल में हवा से हवा में, हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता है, राफेल में लगे हैमर मिसाइल भारतीय वायु सेना को अपने विरोधियों से आसमान में लम्बी दूरी तक मार करने में सक्षम बनाते हैं। 29 जुलाई को 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुँचे, जिनमें से तीन राफेल विमान एक सीट वाले और दो राफेल विमान दो सीट वाले हैं। भारत में पहुँचने के 24 घंटों के अंदर ही इन विमानों का व्यापक प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया था। ये फ्रांसीसी लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं।