मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद भाजपा की कोर टीम ने नतीजों को लेकर पार्टी स्तर पर विश्लेषण किया है। इसमें भाजपा इस बात के लिए आश्वस्त है कि पार्टी की जीत पक्की है। हालांकि विश्लेषण में यह तथ्य भी सामने आया है कि भाजपा को ग्वालियर-चंबल संभाग में परिणाम पार्टी को चौंका सकते हैं। यह राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला क्षेत्र है। पार्टी के आंतरिक विश्लेषण को अंतिम नहीं माना जा सकता, लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी को नुकसान की आशंका यदि सही साबित हुई तो मध्य प्रदेश में भाजपा की राजनीति का अलग दौर शुरू होगा।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से भाजपा में आए जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, उनकी पार्टी में स्वीकार्यता को लेकर शुरू से ही असमंजस था। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने एक हिचक यह भी थी कि भाजपा में आने से पहले दशकों तक जिन नेताओं को भला-बुरा कहा गया, अब उनके लिए जनता से वोट किस तरह मांगें? सूत्रों का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह इस तरह के प्रसंग आए, जब मतदाताओं ने कार्यकर्ताओं व नेताओं से प्रति प्रश्न किए कि जिन्हें आप अब तक बुरा कहते थे, अब वे अच्छे कैसे हो गए? इस तरह के सवालों ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए असहज स्थिति पैदा की।
उपचुनाव : प्रदेश की राजनीति में आएगा खासा बदलाव
पार्टी के आंतरिक विश्लेषण की आशंका सही साबित हुई तो सिंधिया के लिए आगे की राह प्रभावित होगी। सिंधिया समर्थकों की शत-प्रतिशत जीत का दबाव सिंधिया पर पहले से है। यदि उनके समर्थकों में से जीतने वालों की संख्या कम होगी तो प्रदेश की राजनीति में उनका रसूख प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि पार्टी नेता खुले तौर पर आंतरिक विश्लेषण में सिंधिया के गढ़ में हार के डर जैसी बात को सिरे से खारिज कर दावा कर रहे हैं भाजपा अप्रत्याशित सफलता हासिल करेगी।
आंतरिक विश्लेषण में सामने आया है कि हम सभी सीटों पर जीत रहे हैं। यह निश्चित है कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आगे भी पार्टी जनता के हित में काम करती रहेगी।