MY BHARAT TIMES, 17 मई 2021, सोमवार, देहरादून (जि.सू.का.)। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी डाॅ० आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारियों सहित विभिन्न नोडल अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को लैब्स की टीमें बढ़ाते हुए 10 हजार से अधिक सैम्पल प्रतिदिन करने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त एमओआईसी को ग्रामीण क्षेत्रों में सैम्पलिंग बढ़ाने के लिए ग्राम प्रधानों से समन्वय करते हुए ग्रामीणों की सैम्पलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने ब्लाॅकवार आईवरमैक्टिन दवा वितरित करने तथा पहाड़ी क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार दवाईयों का वितरण किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि कई लोग होम आयशोलेशन होने के बावजूद घरों से बाहर निकलकर ईधर-उधर घूम रहें है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों का पूर्ण विवरण प्राप्त करते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध निर्धारित प्राविधानों के अनुरूप कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को कहा कि जो ब्लैक फंगस के रोगी चिन्हित हो रहे हैं उनका विवरण प्राप्त कर लिया जाए की वह कहाँ से हैं तथा उनके उपचार के लिए एक ही चिकित्सालय में व्यवस्था बनाई जाए ताकि अन्य लोगों में संक्रमण न फैले।
बैठक में अवगत कराया गया कि इसके अतिरिक्त चकराता के कोबला, क्वांसी, सुरास, त्यूणी में कुण्डा, कालसी में गौरा हरिपुर त्यूणा गांव, सहसपुर में गौरखपुर चैक गावं, रायपुर कालीगढ, डोईवाला नागल बुलंदावाला, बुल्लागांव, दुधली बड़कली में एन्टीजन सैम्पल प्राप्त किए गए, जिनमें चकराता में 100 में से 07 पाॅजिटिव, त्यूणी में 90 में 04 पाॅजिटिव, कालसी में 162 में से 04, रायपुर में 90 में 08 पाॅजिटिव, विकासनगर में 23 में से 0, सहसपुर में 150 में से 9 पाॅजिटिव, डोईवाला में 158 में से 08 पाॅजिटव व्यक्ति चिन्हित हुए ।
जिलाधिकारी ने कोविड संक्रमण के बचाव को लेकर सभी खण्ड विकास अधिकारियों को वीडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्राम प्रधानों से वार्ता कर सेनिटाइजेशन, साफ-सफाई, क्वारेंटीन सेन्टर एवं दवा वितरण हेतु आवश्यक सहयोग प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि गांव में जिन लोगों में सर्दी, खांसी, जुकाम हो उनकी सूची तथा आयशोलेशन किट तथा जिनकी रिर्पोर्ट पाॅजिटिव है उन्हें मेडिसिन किट के साथ ही गांव के सभी व्यस्कों एवं 15 वर्ष से उपर के (गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को छोड़कर) व्यक्तियों को आइवरमैक्टिन की दवा वितरित करवायें। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधानों को गांव में सेनिटाइजेशन आदि के लिए राज्यवित्त से धनराशि दी गई है, जिसके व्यय के उपरान्त अग्रिम की मांग हेतु उप जिलाधिकारियों के माध्यम से मांग पत्र प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने ग्राम पंचायतों के तोक आदि में सर्विलांस के साथ ही जागरूकता पम्पलेट्स वितरण एवं चस्पा करने की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कन्ट्रोल रूम के माध्यम से लोगों को दवा व आवश्यक जानकारी मुहैय्या कराए जाने हेतु सम्पर्क नम्बर जारी करें तथा पंजिका बनाकर सहायता हेतु प्राप्त होने वाली काॅल्स एवं कृत कार्यवाही का विवरण अंकित किया जाए तथा इस हेतु आशा, आँगनबाड़ी एवं चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से बेसिक प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में सक्रमित व्यक्ति चिहिन्त हो रहें है उनको कन्टेंनमेंट जोन बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गांवो एवं तोको में सैम्पलिंग का कार्य तेजी से चलाया जाए शहरी क्षेत्रों में पार्षदों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में मेडिकल किट, आइवरमैक्टिन सहित आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।