नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया और अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एजेंसी ने गैस चैम्बर जैसे हालात पर संज्ञान लेते हुए इसे पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित किया है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने पलूशन पर रोक लगाने के लिए 5 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। बता दें कि यह बैन पहले सिर्फ शाम 6 से सुबह 6 बजे तक लगाया गया था। दिल्ली में प्रदूषण के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह भारत में सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल तो है ही, दुनिया का भी सबसे प्रदूषित शहर है।
दिल्ली, हरियाणा, यूपी के सचिवों को चिट्ठी
अब ईपीसीए ने दिल्ली, हरियाणा और यूपी के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है और यह बेहद गंभीर स्तर पर बना हुआ है। हमें इसे पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी के रूप में लेना होगा, क्योंकि इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विशेषकर बच्चों पर असर होगा।’ उन्होंने सचिवों से कहा कि यह गंभीर स्थिति है और मैं आप लोगों का निजी हस्तक्षेप चाहता हूं ताकि निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा सके।
पराली, पटाखे से बना गैस चैम्बर
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले की अपनी चिट्ठी में बताया था कि प्रदूषण की वजह दिवाली की रात पटाखों का जलाना, पराली जलाना और बेहद प्रतिकूल मौसम इसकी वजह है। आईएमडी ने हमें बताया है कि कुछ दिनों में मौसम में सुधार होगा, लेकिन यह कहना कठिन है कि यह सुधार पलूशन में समुचित गिरावट लाएगा या नहीं।’