MY BHARAT TIMES, रविवार, 23 अगस्त 2020, देहरादून। दस लक्षण महापर्व के अवसर पर श्री दिगंबर जैन वीतराग विज्ञान पाठशाला देहरादून की अध्यक्षा श्रीमती वीना जैन द्वारा की गई। इस अवसर पर उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह महापर्व एक असामान्य परिस्थिति में आया है। इस बार क्रिया का नहीं चिंतन का अवसर है, अद्भुत अपूर्व अवसर है। हमेशा हम जिन मंदिर में भगवान की प्रतिमा के दर्शन करते हैं, सामग्री चढ़ाते हैं, इस बार चिंतन करना है। इस बार सभी ने शासन प्रशासन आदेशों का पालन करते हुए संकल्प लिया है कि हम इस पर्व को अपने-अपने घरों में रहकर चिंतन और आत्म साधना के साथ मनायेंगे, जो सुरक्षा जो दृष्टि से उचित है। पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म का होता है। क्षमा आत्मा का स्वभाव है। क्षमा-स्वभावी आत्मा के आश्रय से आत्मा में जो क्रोध के अभाव रुप शांति की पर्याय प्रगट होती है, उसे क्षमा कहते हैं।
इस अवसर पर जैन भारतीय मिलन कि केंद्रीय महिला संयोजिका श्रीमती मधु जैन ने भी बड़ी सादगी के साथ अपने आवास पर यह पर्व मनाया और कहा कि भगवान तो अपने अंतर्मन में बसे हैं, उनकी अनुमोदना मात्र से ही, भक्ति से ही, पूजा का फल प्राप्त होता है। यह दौर अपने को बचाकर और अपनों को बचाकर, भगवान की भक्ति करते हुए, आगे बढ़ने का है। इस अवसर पर श्रीमती मधु जैन ने सभी नगर वासियों को इस पर्व की बधाई देते हुए कहा कि इस दौर में हमें अपनों को और अपने को बचाते हुए यह पर्व मनाना पड़ रहा है, लेकिन भगवान महावीर से प्रार्थना है कि वह हमारे इस भयावह वातावरण को एक सुखमय वातावरण में निश्चित रूप से परिवर्तित करेंगे।