माई भारत टाइम्स, द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। कोरोना वायरस ने इस समय पूरे विश्व में दहसत का माहौल बनाया हुआ है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है,भारत में कोरोना के लगभग तीन सौ से भी ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ गए हैं। उत्तराखण्ड राज्य में भी कोरोना के चार मामलों की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना के खतरे को भांपते हुये उत्तराखण्ड सरकार ने सचिवालय सहित कई अन्य विभागों के कर्मचारियों को घर से ही काम करने का आदेश दिया है। सरकार द्वारा सभी से आग्रह किया है कि ज्यादा भीड़ में न जायें, सरकार की इसी बात को ध्यान में रखते हुये अल्मोड़ा जिले में 12 अप्रैल से प्रस्तावित पाली पछाऊँ का ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेला भी स्थगित कर दिया गया है। नगर पंचायत सभागार में हुई बैठक में आल,नौज्यूला और गरख धड़े के मुखियाओं के अलावा तमाम जनप्रतिनिधि और जनसंगठनों की बैठक हुई। जिसमें मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष मेला समिति अध्यक्ष मुकेश लाल शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दलों के मुखियाओं,व्यापार मंडल, ग्राम प्रधानों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सुझावों के बाद सर्वसम्मति से इस बार मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यह तय हुआ कि बारी के अनुसार 13 अप्रैल बटपुजै को नौज्यूला और 14 अप्रैल को आल और गरख दल एक-दो लोग ही आकर धूपबत्ती जलाकर अपनी रस्म अदा करेंगे। इसके लिए समय तय नहीं किया गया है। इस बैठक में उपजिलाधिकारी भी उपस्थित रहे, उपजिलाधिकारी ने कोरोना वायरस को लेकर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि खासकर बाहर से आने वालों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और उन्होंने सभी से इसकी अपील भी की। इस अवसर पर संरक्षक उपजिलाधिकारी आरके पांडेय, संचालक उमेश भट्ट,मेला समिति उपाध्यक्ष हेम रावत, गरख दल उपाध्यक्ष नरेंद्र अधिकारी, आल दल उपाध्यक्ष जगत सिंह रौतेला, नौज्यूला दल के उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र चौधरी, मेला समिति सचिव नारायण रावत, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद जोशी, व्यापार मंडल से आशीष वर्मा आदि ने अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में सभासद विमला शाह, भूपेंद्र रौतेला, रमेश चंद्र पुजारी,लक्ष्मण किरौला, डॉ० डीपी चौधरी, राकेश मठपाल आदि मौजूद रहे।